छ्जका नेता पहुंचे डायरिया प्रभावित गाँव मदनपुर..सत्तासीन दल ने नही ली सुध…

गाँव में अब तक नहीं आये सत्ताधारी भाजपा के कोई भी नेता..  

सरगुजा संभाग की भौगोलिक स्थिती, स्वास्थ विभाग की मनमानी, और शुद्द जल का आभाव लोगो की मौत का कारण बन रहा है,, पिछले दिनो सरगुजा के मैनपाट मे डायरिया से 21 लोगो की मौत के बाद अब संभाग के बलरामपुर जिले मे डायरिया ने मौत का तांडव शुरु कर दिया है,, जिसमे जिले के वाड्रफनगर का पंहुचविहीन मदनपुर आमपारा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित है,,,यंहा दो लोगो की मौत के साथ ही 100 से ज्यादा लोग डायरिया की चपेट मे आ चुके है,

बहरहाल छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के नेता दानिश रफीक, बलमीत सिंह छाबडा, सुरेन्द्र चौधरी, पीजी कालेज छात्र संघ अध्यक्ष उपेन्द्र पाण्डेय सहित एक टीम बनाकर डायरिया पीड़ित इस गाँव का मुआयना किया गया, वहा की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर पार्टी हाई कमान को सौपने की तय्यारी की गई साथ ही गाँव में पहुचे नेताओं ने लोगो का हाल जाना और हर संभव मदद के लिए आश्वस्त भी किया है, वही प्रमुख विपक्षी दल से ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष भी प्रभावित गाँव पहुचे और स्थिति का जायजा लिया लेकिन सत्ता धारी दल का कोई भी नेता अब तक इन पीडितो की सुध लेने नहीं पहुचा है,

गौरतलब है की वाड्रफनगर-बलंगी मुख्य मार्ग से तेढी मेढी पगडंड्डी के सहारे तीन किलोमीटर का सफर तय करना बाढ मे क्षेत्र की सबसे तेज बहाव वाली एरिया नदी को बिना पुल के पार करना और पीने के पानी के लिए प्राकृतिक जल स्त्रोत पर निर्भरता इस डायरिया पीडित आमापारा गांव की पहचान है,, लेकिन जानकर हैरानी होगी कि ये पंहुचविहीन गांव किसी साधरण विधायक के विधानसभा का हिस्सा नही है बल्कि प्रदेश के गृह और पानी मतलब पीएचई मंत्री रामसेवक पैकरा का विधानसभा क्षेत्र है ..और डायरिया के इस तांडव के बाद पिछले 20 दिनो मे ना गृहमंत्री और ना ही उनका नुमाईंदा इस पीडित गांव की ओर आया है। जबकी इन गावो में लोगो की मौत दूषित पानी पीने से हो रही है लेकिन पी एच ई मंत्री ने अब तक इनकी सुध नहीं ली है।

दानिश रफीक , छजका नेता 
मदनपुर के पंहुचविहीन आमापारा मे जिस पहली महिला की मौत हुई है उसकी मौत की वजह प्रशासनिक लापरवाही है क्योकि बिमारी के बाद अगर महिला का इलाज समय से हो जाता तो महिला की जान बच सकती थी ! वही इसी गांव  की जिस दस वर्षीय बच्ची की मौत हुई है उसकी वजह स्वास्थ विभाग की लापरवाही है क्योकि बच्ची को अस्पताल से डिसचार्ज करने के बाद उसकी मौत हुई है अगर उसकी तबियत ठीक नही हुई थी तो उसको डिसचार्ज नही करना था !