सरगुज़ा के गौठानों में ब्रायलर मुर्गा पालन खोल रही तरक्की के द्वार, समूह की महिलाओ ने 1.39 लाख रुपये के बेचे ब्रायलर मुर्गा

अम्बिकापुर. सरगुज़ा जिले के गोठानो को मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित कर गोठान से जुड़ी समूह की महिलाओ के लिए आजीविका के साधन मुहैया कराया जा रहा है. इसी कड़ी में गोठानो में ब्रायलर मुर्गा पालन भी शुरू किया गया. महिलाओ ने गोठानो में  बॉयलर मुर्गा के चूजों को पालना शुरू किया और डेढ़ महीने में ही वजन  दो  किलो से ज्यादा होने पर  बिक्री भी शुरू कर दी. बहुत कम समय मे अच्छी आमदनी प्राप्त होने  से ब्रायलर पालन समूह की महिलाओं के लिए  तरक्की का द्वार खोलने वाला व्यवसाय बन गया है। अब तक तीन गोठान की महिलाओ ने करीब 1 लाख 39 हजार के ब्रायलर मुर्गा बेच चुके है.

कलेक्टर सरगुज़ा संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में जिले के 14 आदर्श गोठनों में ब्रायलर का पालन स्व सहायता समूह की महिलाओ द्वारा  पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की देख रेख में किया जा रहा है. कलेक्टर श्री झा ने बताया कि गोठान से जुड़ी महिलाओ की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए गोठानो में वर्ष भर आजीविका गतिविधियां चलती रहे इसके लिए कई कार्ययोजनाये बनाई गई है. मुर्गी पालन, ब्रायलर पालन,  बटेर पालन, लाख पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी की खेती, औद्योगिक  इकाईयो का स्थापना भी किया जा रहा है. गोठान में ब्रायलर मुर्गा पालन के लिए मनरेगा अंतर्गत शेड का निर्माण कराया गया है. शुरुआत में प्रति गोठान 250 नग vencobb 400 प्रजाति के 15 दिवसीय चूजे प्रदाय किया गया है. मुर्गो की बिक्री से प्राप्त राशि  से महिलाएं अगले चरण के लिए स्वयं चूजे खरीदने में सक्षम होंगी और चरणबद्ध तरीके से मुर्गीपालन संचालित होते रहेगी.

पशु चिकित्सक डॉ सी के मिश्रा ने बताया कि उदयपुर के सानीबर्रा गोठान के मनीषा स्व० सहायता समूह के द्वारा  49 हजार रुपये, अम्बिकापुर के आदर्श गोठान सोहगा के संतोषी समूह के द्वारा  42 हजार रुपये तथा लखनपुर के आदर्श गोठान पुहपुटरा के स्वच्छता महिला स्व सहायता समूह के द्वारा 48 हजार रुपये के ब्रायलर मुर्गी बेचकर आय प्राप्त किया गया है.