CG मिशन 2023 : केशव चन्द्रा लगाएंगे हैट्रिक या होंगे क्लीन बोल्ड…इंदु बंजारे के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा विधानसभा चुनाव…पार्टी ने दोनो विधायक पर जताया फिर से भरोसा…

जांजगीर चाम्पा (संजय यादव)…छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं। वैसे ही राजनीति पार्टियों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक पार्टी रणनीति बनाने में लगे हैं। तो वही बहुजन समाज पार्टी सभी पार्टियों से आगे निकल गई हैं। छत्तीसगढ़ में 9 विधानसभा सीटों से प्रत्याशियों के नामो की घोषणा कर दी हैं। जिसमें अविभाजित जांजगीर-चांपा जिला से जैजैपुर विधायक केशव चन्द्रा एवं पामगढ़ विधायक इंदु बंजारे के ऊपर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया हैं। जांजगीर चाम्पा विधानसभा से राधेश्याम सूर्यवंशी को तो अकलतरा से विनोद शर्मा को मौका मिला हैं। अभी सक्ति एवं चंद्रपुर विधानसभा खाली हैं। पार्टी ने अभी यहां प्रत्याशियों की नामो की घोषणा नहीं की हैं।

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जांजगीर चांपा विधानसभा से राधेश्याम सूर्यवंशी नये प्रत्याशी होंगे। हालांकि, संगठन में बहुत लंबे समय से राधे श्याम सूर्यवंशी एवं विनोद शर्मा ने काम किया हैं। जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में भी उत्सुकता हैं। वही पार्टी के नेता अब अपने-अपने चुनावी तैयारी में लग गए हैं। हालांकि, बीएसपी ने अभी सक्ति एवं चंद्रपुर विधानसभा में अपना प्रत्याशियों का नाम की घोषणा नहीं किया हैं। देखा जाए अविभाजित जांजगीर चांपा जिले 6 सीट में दो सीट में बीएसपी का कब्जा हैं। सत्ताधारी पार्टी को पामगढ़ एवं जैजैपुर में अपना झंडा गाड़ना हैं। तो केशव चन्द्रा एवं इंदु बंजारे को टक्कर देने के लिए दमदार प्रत्याशी उतारने होंगे। जो दोनों प्रत्याशी को टक्कर दे सके। वही देखा जा रहा हैं कि, पामगढ़ में भाजपा एवं कांग्रेस में बड़े चेहरे नहीं दिखाई दे रहे हैं। जबकि, जैजैपुर में केशव चंद्र को टक्कर देने के लिए भाजपा एवं कांग्रेस के भी पास बड़ा चेहरा नजर आ रहा हैं। वहीं इस बार जैजैपुर विधायक केशव चंद्रा एवं इंदु बंजारे को एंटी कनवेंसी का भी सामना करना पड़ेगा। दोनों मौजूदा विधायक के लिए इस बार यह परीक्षा की घड़ी हैं। दोनों के लिए 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना बड़ी चुनौती होगा।
जांजगीर चांपा एवं अकलतरा विधानसभा में बीएसपी को न नुकसान हैं ना ही फायदा हो रहा हैं। इसलिए इन दोनों विधानसभा में भाजपा एवं कांग्रेस को बीएसपी से ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद नहीं लग रही हैं। हालांकि, अकलतरा विधानसभा में चौकौड़ी मुकाबला देखने को मिल सकता हैं। क्योंकि इस बार आम आदमी पार्टी ने भी मजबूती से अकलतरा विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी हैं। जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी के अलावा आप पार्टी का दखल सबसे मजबूत जांजगीर चांपा जिला के अकलतरा विधानसभा में दिख रहा हैं। वही सर्वे बता रहे हैं कि, छत्तीसगढ़ में इस बार आम आदमी पार्टी भी अपना खाता खोल सकता हैं।
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बहुजन समाज पार्टी ने चंद्रपुर एवं सक्ति विधानसभा से अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की हैं। आपको बता दें कि, चंद्रपुर विधानसभा में कांग्रेस से मौजूदा विधायक रामकुमार यादव हैं तो वहीं सक्ति विधानसभा से छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत विधायक हैं। हालांकि, जांजगीर-चांपा जिला के तीनों विधानसभा में कांग्रेस पार्टी का विधायक नहीं हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी जांजगीर-चांपा जिले के तीनों विधानसभा में अपना दमखम लगाएगी और अपना सीट बढ़ाने के लिए जांजगीर चांपा जिले के अलावा पामगढ़ एवं अकलतरा विधानसभा से मजबूती से चुनाव लड़ेगी।
अब देखना होगा कि कांग्रेस एवं भाजपा कब तक अपना प्रत्याशियों की घोषणा करती हैं। हालांकि, जैजैपुर विधानसभा से इस बार केशव चंद्रा को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद की जा रही हैं। क्योंकि इस सीट से 2 बार केशव चंद्रा का आना कोई बड़ा आश्चर्य वाली बात नहीं था। केशव चंद्र का दोबारा इस सीट से जीत पाने का मुख्य वजह सामने प्रतिद्वंदी के रूप में भाजपा एवं कांग्रेस से दमदार प्रत्याशी नहीं मिल पाना था। जिसका फायदा सीधा केशव चंद्र को मिला था। हालांकि, इस बार कांग्रेस सत्ता में है तो इस बार पामगढ़ एवं जैजैपुर से अपना सीट गंवाना नहीं चाहेगी। वही दोनो सीटो में मजबूत दावेदार देने की कोशिश कांग्रेस लगी हुई हैं। बताया जा रहा हैं कि, जैजैपुर में बीएसपी के जो केडर वोट है वह दो भागों में बढ़ गए हैं। वही जो सामाजिक वोट हैं वह केशव चन्द्रा से नाखुश चल रहे हैं। अब देखना होगा कि केशव चंद्रा किस तरह अपने कैडर वोट और अपने सामाजिक वोट को साध पाते हैं। अगर केशव चंद्रा के सामने प्रतिद्वंदी के रूप में कांग्रेस दमदार प्रत्याशी उतारती हैं। तो जरूर आने वाला समय में सत्ताधारी कांग्रेस जैजैपुर में भी अपना झंडा गाड़ सकता हैं।
वही पामगढ़ विधानसभा से इंदु बंजारे के लिए भी बड़ा चुनौती होगा। इंदु बंजारे के लिए 2023 का विधानसभा चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होने वाला हैं।क्योंकि, विकास की बात करें तो पामगढ़ में सबसे पिछड़ा हुआ विधानसभा माना जाता है अपेक्षा अनुरूप विधायक इंदु बंजारे ने अपने क्षेत्र में विकास नहीं करा पाई हैं। जिसको लेकर समय -समय में जनता विधायक को अवगत कराते रही हैं। अब देखना होगा कि दूसरी बारी में इंदु बंजारे कैसे अपने वोटरों को साध पाती हैं।हालांकि, पामगढ़ विधानसभा अनुसूचित जाति बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां बीजेपी सबसे कमजोर नजर आ रही हैं। जिसका फायदा कांग्रेसी जरूर उठाना चाहेगी, अगर कांग्रेस पार्टी नए और दमदार प्रत्याशी को मौका देगी तो हो सकता है कि पामगढ़ में भी कांग्रेस अपना जीत दर्ज कर ले। 2018 के विधानसभा में कांग्रेस पामगढ़ में दूसरे नंबर पर थी। वहीं भाजपा तीसरे नंबर में थी। सत्ता का फायदा इस बार कांग्रेस को मिलने की उम्मीद हैं।