छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, पुत्र अभिषेक, सीबीआई और ईडी को हाईकोर्ट का नोटिस… जानें क्या है पूरा मामला

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, उनके पुत्र व पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, सीबीआई व ईडी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने छह सप्ताह की मोहलत दी है।

कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने वर्ष 2018 में वकील हर्षवर्धन परघनिया के जरिए हाई कोर्ट में रिट क्रिमिनल याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह द्वारा अपनी संपत्ति छिपाने का आरोप लगाया है। दायर याचिका में कहा है कि डॉक्टर रमन सिंह ने वर्ष 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग से संपत्ति का ब्योरा देते वक्त जानकारी छिपाई है।

शपथ पत्र में गलत जानकारी दी गई है। याचिका के अनुसार इस संबंध में उसने ईओडब्ल्यू और एसीबी में कई बार शिकायत दर्ज कराई थी। चूंकि तब प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज थी और डॉक्टर रमन सिंह मुख्यमंत्री थे। पद और प्रभाव के कारण जांच एजेंसियों ने उनकी शिकायत को महत्व नहीं दिया और कार्रवाई भी नहीं की। याचिकाकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह की संपत्ति की जांच और केंद्रीय जांच एजेंसियों को पक्षकार बनाने की मांग भी की है।

मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामंत की सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद जस्टिस सामंत ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को जस्टिस सामंत की सिंगल बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, सीबीआई व ईडी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्व सीएम डा सिंह ने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में वर्ष 2008, 2013 व 2018 में संपत्ति का जो ब्यौरा पेश किया है उसे लेकर जांच पड़ताल की जानी चाहिए। याचिका के अनुसार प्रदेश क मुख्यमंत्री रहते डॉक्टर रमन सिंह ने बेतहाशा कमाई की और आयोग के समक्ष संपत्ति की दी गई जानकारी में वास्तविकता को भी छिपाया है।

याचिकाकर्ता ने मांग की है। सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को इस संबंध में गहन छानबीन की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री रहते अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।