पुलिस विभाग में बड़ा घोटाला.. 20 लाख का डीज़ल पी गई कबाड़ गाड़ियां, PHQ ने दिए जांच के आदेश!.

कोरिया. जिले में पुलिस विभाग के वाहन शाखा में लगभग 20 लाख के घोटाले का मामला सामने आया है. वाहन शाखा में पदस्थ आरक्षक रमेश साहू के नाम पर पुलिस हेडक्वार्टर रायपुर से जांच का आदेश जारी किया गया है. जिसकी जांच जिले के एडिशनल एसपी पंकज शुक्ला द्वारा की जा रही है.

बता दें कि, कोरिया जिले के पुलिस विभाग के वाहन शाखा में लगभग 20 लाख की गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच शुरू कर दी गयी है. वाहन शाखा में पुलिस विभाग की सभी छोटी बड़ी गाड़ियों को फ्यूल देने का रिकार्ड वाहन शाखा में मेंटेन किया जाता है. जिसमे कई सालों से छुटपुट शिकायत आती रहती थी. लेकिन इस बाद जो मामला सामने आया है उसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. वाहन शाखा में पदस्थ आरक्षक चालक रमेश साहू के नाम पर 20 लाख के गड़बड़ी की जांच चल रही है.

बताया जा रहा है सरकारी वाहन में खड़ी गाड़ियों के नाम से भी डीजल पर्ची काटकर उपयोग किया गया है. सरकारी वाहन के मरम्मत में भी ग़लत बिल लगाया गया है. विधानसभा व लोकसभा चुनाव में सरकारी व अधिग्रहित वाहन में भी गड़बड़ी की गयी है.

सबसे बड़ा घोटाला तो तब हो गया जब पुलिस विभाग में पानी सप्लाई टैंकर में पानी पिलाने के बजाय रमेश साहू खुद डीजल पी गये. जबकि उस टैंकर में पानी सप्लाई किसी अन्य चालक के द्वारा किया गया है. ड्राइवर डायरी डीजल डलवाने का काम रमेश साहू ने अपने नाम रिकार्ड मेंटेन किया है. साथ ही जो पुलिस लाइन में खड़ी शासकीय गाड़िया हैं वह भी रिकार्ड में डीजल पी रही हैं. गाडी मिस्त्री से अधिक बिल बनवाने, फर्जी बिल की बात कही जा रही है.

एडिश्नल एसपी ने दिसंबर 2018 से सितंबर 2019 तक डीजल पर्ची सहित पीओएल बिल रजिस्टर, लोकसभा विधानसभा में लगने वाली गाड़ी, पीएलओ इशू रजिस्टर, टैंकर लाग् बुक, मासिक गोस्वारा व अन्य दस्तावेज़ मंगाया है. मामले की जांच जारी है.

जाँचकर्ता एडिशनल एसपी पंकज शुक्ला ने बताया कि कुछ दिन पहले शिकायत मिला है. जिसमे वाहन शाखा में गड़बड़ी के आरोप लगाये गये हैं. जांच जारी है अभी प्रथम दृष्ट्या कुछ कह पाना मुश्किल है. जांच के बाद विस्तृत तरीके से समीक्षा करेंगे. यह देखना होगा डीजल आवटन किस तरह से हुआ है. उसका रिकार्ड किस प्रकार मेंटेन हुआ है. कई मौके पर गुमनाम शिकायत परेशान करने के लिए होती है. कई मौके पर अहम खुलासे भी होते हैं. अभी कुछ कह पाना संभव नही है जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.

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