Balrampur: ऐसा था किसका दबाव की कलेक्टर को वापस लेना पड़ा अपना आदेश.. डिप्टी कलेक्टरों के आदेश में हुई तब्दीली!..

बलरामपुर.. (कृष्णमोहन कुमार)..कलेक्टर ने एक दिन पहले ही अपने द्वारा किये स्थान्तरण आदेश को दूसरे दिन ही संशोधित कर दिया है..जो अब सुर्खियां बटोर रहा है..जिसको लेकर तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है!..

बता दे कि कलेक्टर रिमिजियूस एक्का ने जिले में पदस्थ तहसीलदारों व डिप्टी कलेक्टरों का स्थानांतरण आदेश 4 जनवरी को जारी किया..जिसके ठीक बाद 5 जनवरी की शाम डिप्टी कलेक्टर शशि चौधरी के स्थानांतरण आदेश को संशोधित करते हुए उन्हें पुनः कार्यालय कलेक्टर में पदस्थ किया है..दरअसल 4 जनवरी के आदेश में कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर शशि चौधरी का स्थान्तरण कार्यालय कलेक्टर से एसडीएम वाड्रफनगर किया था..और वाड्रफनगर एसडीएम प्रमोद गुप्ता का स्थान्तरण कार्यालय कलेक्टर बलरामपुर किया था..विश्वस्त सूत्रों की माने तो कलेक्टर ने अपना आदेश दो माननीयों के बीच हो रही वर्चस्व की लड़ाई के बाद किया..सूत्र बताते है कि एक माननीय की मंशा थी कि डिप्टी कलेक्टर शशि चौधरी एसडीएम वाड्रफनगर के पद पर पदस्थ किये जायें..और ऐसा हुआ भी..जो दूसरे माननीय को नागवार गुजरा और अन्तोगत्वा कलेक्टर को आदेश संशोधित करना पड़ गया !..

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डिप्टी कलेक्टर शशि चौधरी राजपुर व वाड्रफनगर एसडीएम के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके है..यही नही बीते कुछ माह पूर्व डिप्टी कलेक्टर चौधरी को कार्यालय कलेक्टर में पदस्थ किया गया था..जहाँ वे विभिन्न शाखाओं के दायित्वो का निर्वहन कर रहे है..डिप्टी कलेक्टर चौधरी अपने सख्त कार्यशैली के लिए जाने जाते है..उन्हें लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और उनके सुलझे व्यक्तित्व की प्रशंसा उनके अधीनस्थ कर्मचारी भी करते है!..

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विश्वस्त सूत्र बताते है कि इससे पूर्व उन्होंने वाड्रफनगर एसडीएम के पद पर रहते हुए एक सफेद पोश के राजस्व सम्बंधि प्रकरण की सुनवाई की थी..जिसके बाद हुआ कुछ ऐसा कि उन्हें आनन-फानन में कार्यालय कलेक्टर में पदस्थ कर दिया गया..जानकर बताते है कि उन्हें एसडीएम वाड्रफनगर से हटाने राज्य प्रशासनिक हल्के के आलाकमान का फोन कलेक्टर को आ गया था!..

बहरहाल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब प्रशासनिक स्तर पर राज्य ही नही जिलों में भी सर्जरी का क्रम जारी है..जिसे सीधे और सरल शब्दों में प्रशासनिक दृष्टिकोण से बदलाव का नाम दिया जा रहा है..लेकिन विश्वस्त सूत्रों की माने तो सर्जरी माननीयों के निर्देशो और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किये जा रहे है..और ऐसा ही कुछ हुआ होगा इसलिए बलरामपुर कलेक्टर को अपना आदेश संशोधित करना पड़ा!..