सरगुजा: कृत्रिम गर्भाधान से बकरी पालकों को मिल रहा बेहतर लाभ



अम्बिकापुर। सरगुजा जिले में नवाचार के रूप में बकरियों में शुरू किए गए कृत्रिम गर्भाधान के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे है। बकरी पालक किसान उन्नत नस्ल के बकरी बेचकर बेहतर लाभ कमा रहे हैं।

बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान का कार्य पिछले 2 वर्ष पूर्व नवाचार के रूप मे शुरू किया गया था। कृत्रिम गर्भाधान से उन्नत नस्ल के बच्चे आने लगे है, जिनका वजन देसी नस्ल के बच्चों से दुगना होता है। जिले में अब तक करीब 800 बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान किया गया है जिससे 250 से अधिक बच्चे प्राप्त हुए हैं। कृत्रिम गर्भाधान का कार्य पूरी तरह से निशुल्क है। यह कार्य सभी विकासखंडों में किया जा रहा है। बकरी को बहुत कम ख़र्चे मे पालन किया जाता है। इनका दैनिक आहार का भी ख़र्च बहुत कम है। रख-रखाव के लिए भी विशेष व्यवस्था की भी जरूरत नहीं होती। बकरी पालक जब भी पैसे की जरूरत होती है बकरी बेचकर बकरी बेचकर जरूरत को पूरा कर लेते हैं।

बकरी पालक बहुत छोटे किसान होते हैं जो गाय-भैस का पालन नहीं कर पाते। बकरी पालन वर्तमान समय में मुनाफे का व्यवसाय बन गया है। राज्य में सबसे पहले सरगुजा में कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत पशु चिकित्सक डॉ सीके मिश्रा के द्वारा नवाचार के रूप मे किया गया था।