आश्रम अधीक्षिका बच्चियों का रोल माॅडल बने : कलेक्टर ऋतु सैन

RITU SEN , COLLECTOR ,SURGUJA
RITU SEN , COLLECTOR ,SURGUJA

अम्बिकापुर 31 मई 2014 

  • आश्रम, छात्रावास में पानी, बिजली एवं शौचालय की व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता- कलेक्टर
  • आश्रम अधीक्षिका बच्चियों का रोल माॅडल बने

 

आश्रम छात्रावास अधीक्षिका छात्राओं के लिए रोल माॅडल है। आप चाहेंगी तो बच्चियां अच्छा शिक्षित और हेल्दी कम्यूनिटी महिला बन सकती है। आप नहीं चाहेंगी तो बच्चियां बीमार, दीन-हीन एवं कुपोषित लोगों का फौज तैयार कर सकती है। उक्ताशय के विचार आश्रम छात्रावास अधीक्षक एवं महिला गार्ड के संयुक्त बैठक में कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने व्यक्त की।

कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने आज जिला कार्यालय के सभा कक्ष में जिले के आश्रम-छात्रावास अधीक्षिका एवं आश्रम-छात्रावास में सुरक्षा के लिए नियुक्त महिला नगर सैनिकों की बैठक ली। उन्होंने इस दौरान आश्रम-छात्रावास में रहने वाले छात्राआंे की सुरक्षा के लिए लगाए गए महिला नगर सैनिकों को कहा कि सेवा में रहने या यूनिफार्म में रहने की साख तभी होगी जब आश्रम एवं छात्रावास की बच्चियों में सुरक्षा की भावना जगे। कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने बैठक में कहा कि आप महिला हैं, आपके स्वयं सुरक्षित रहकर बच्चियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी गई है। ये जिम्मेदारी बाकी ड्यूटी से अलग है। उन्होंने आश्रम अधीक्षिका एवं महिला नगर सैनिक को आपस में समन्वय बनाकर रहें और आश्रम एवं छात्रावास में बेहतर व्यवस्था बनाकर रखने के निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी आश्रम-छात्रावासों में पानी, बिजली एवं शौचालय की व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता से होनी चाहिए। कहीं किसी आश्रम, छात्रावास में शुद्ध पानी की व्यवस्था, बिजली की कोई समस्या है या शौचालय बने हैं, रिपेयर के लायक है तो इसकी जानकारी देवें इसकी मरम्मत करा दिया जावेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मै एक-एक आश्रम, छात्रावास जाकर देखूंगी। कहीं कोई भी कमी नहीं दिखनी चाहिए। कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने आश्रम अधीक्षिकाओं को कहा कि अम्बिकापुर आए हैं तो प्रयास छात्रावास को देखकर जावें और अगले शिक्षा सत्र से अपने आश्रम-छात्रावासों में इसी प्रकार की साफ-सफाई, साफ-सुथरा रहना एवं साफ-सुथरा दिखना हमारे संस्कार में होना चाहिए तथा साफ-सुथरा रहने एवं खाने का तरीका बताने की बात कही।

कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने बैठक मंे बड़े ही मार्मिक ढंग से कहा कि आश्रम-छात्रावास अधीक्षिका के पास छात्राएं दस माह रहकर पढ़ाई करती हैं। आप लोगों के काम को देखती हैं। आप लोग बच्चों का रोल माॅडल हैं। आप चाहेंगी तो छात्राएं अच्छी शिक्षित और हेल्दी, कम्यूनिटी महिला बन सकती हैं और आप नहीं चाहेंगी तो बच्चियां बीमार, दीन-हीन एवं कुपोषित लोगों का फौज तैयार हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि गांव के आठवी, दसवीं और बारहवीं कक्षा पढ़ने के बाद पढ़ाई छोड़ने वाली बालिकाओं के लिए कैरियर चयन करने की जानकारी दे सकती हैं। बैठक में सबसे अच्छा आश्रम एवं छात्रावास को हर वर्ष इनाम दिए जाने की जानकारी दी। जहां मूलभूत सुविधा, बच्चों का रख-रखाव एवं पढ़ाई सुविधा आदि का मापदण्ड तय में खरा उतरना होगा। इसी प्रकार जिले के आश्रम-छात्रावासों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण निर्माण करने के लिए व्यवस्थाओं के साथ पत्र-पत्रिका रखवाने तथा अच्छा ज्ञानवर्धक बुक का सेट रखने, टी.व्ही, रेडियो आदि को मरम्मत कराने के संबंध में सहायक आयुक्त को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बैठक में सभी ने एक स्वर मंे इस बैठक में बताई गयी बात एवं दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात कही तथा भरोसा दिलाई। कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने आश्रम-छात्रावासों में दी जाने वाली खाना में प्रोटीन एवं आयरन से संबंधित खाना दिए जाने के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सहायक आयुक्त श्री पटेल ने सभी आश्रम एवं छात्रावास अधीक्षिका एवं महिला होम गार्ड से कहा कि वहां के समस्याओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली।