अम्बिकापुर: नजूल अधिकारी पर लगा करप्शन का आरोप.. कमिश्नर से हुई शिकायत!..

अम्बिकापुर: सरगुजा जिले में निजी जमीन के लीज आबंटन का मामला सामने आया है.. और न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के बाद भी नजूल अधिकारी द्वारा 30 वर्षों का लीज जारी कर दिया गया है, जबकि न्यायालय द्वारा आपत्तिकर्ता प्रमोद गुप्ता के पक्ष में इस उक्त जमीन के लिए फैसला सुना दिया था। ऐसे में अब आपत्तिकर्ता ने एक बार पुनः संभागायुक्त को मामले की शिकायत करते हुए नजूल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता प्रमोद गुप्ता की माने तो नमनाकला स्थित नजूल भूमि के खसरा नम्बर 233/2 के रकबा .372 हेक्टेयर भूमि का है जिसके लिए श्यामलाल, कृष्णकुमार व मंगत राय द्वारा आगामी 30 वर्षों के लिए स्थायी लीज नवीनीकरण के किए नजूल कार्यालय में आवेदन दिया गया था।

गौरतलब है कि श्यामलाल, मंगत राय और कृष्णकुमार के द्वारा रा.प्र. क्र. 167320/76-77 में नमनाकला स्थित नजूल प्लॉट नं. 233 / 2 रकबा (0.372 हे0 का स्थायी लीज पट्टा का आगामी वर्षों के लिये नवीनीकरण किये जाने बावत् आवेदन पेश किया गया था..जिसमें प्रमोद गुप्ता द्वारा दिनांक 22.07.2014 को आपत्तिकर्ता के रूप में आपत्ति प्रस्तुत की गई थी..और उक्त भूमि का डिक्री 20/12/20 को व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 अम्बिकापुर द्वारा सुशील गुप्ता व उसके परिजनों के नाम पर स्वत्व घोषित करते हुये स्थायी निषेधाज्ञा का दिनांक 23.09.1990 को दिया गया था..जिसके सम्बंध में निष्पादन प्रकरण क्र. 21ए / 90 सुशील गुप्ता प्रति छ0ग0 शासन लंबित है जिसमें शासन की तरफ से दिनांक 31.07.2009 को लिखित में अंडरटेकिंग की गई थी.. और खसरा नं. 233 के किसी भी अंश को किसी अन्य को आबंटित नहीं किये जाने आदेशित किया गया था..इसके साथ ही उक्त भूमि के सम्बंध में ही माननीय उच्च न्यायालय छ0ग0 के द्वारा व्य०अ०क्र० 138/6 में अपील के निराकरण तक के लिये यथास्थिति बनाये रखे जाने का आदेश दिया गया था..

बता दे कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत की गई आपत्ति के साथ में माननीय व्यवहार न्यायालय का इ०प्र०क्र० 21ए/19 के आदेश पत्र दिनांक 04.07.2015 की प्रतिलिपि प्रस्तुत किया गया था.. जिसमें स्पष्ट तौर पर व्यवहार न्यायालय के द्वारा निर्देशित किया गया था.. कि माननीय उच्च न्यायालय के आगामी आदेश तक कलेक्टर सरगुजा (नजूल शाखा) को किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं करने निर्देशित किया गया था..इस कारण प्रकरण की कार्यवाही को स्थगित किया जाये जिसके पालन में दिनांक 18.01.2017 को नजूल अधिकारी के द्वारा लीज नवीनीकरण की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गयाथा..

वही 27.08.2019 को अचानक वर्तमान के नजूल अधिकारी के द्वारा प्रकरण को सुनवाई में लिया गया था..और बगैर आपत्तिकर्ता को सूचना दिये शासकीय अधिवक्ता से अदत्तन जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रकरण को नियत किया गया, और राजस्व निरीक्षक नजूल से प्रतिवेदन प्राप्त कर दिनांक 11.10. 2019 को भू-खण्ड क्र. 233/2 रकबा 0.92 एकड़ के सम्बंध में आगामी 30 वर्षो के लिये लीज नवीनीकरण किये जाने का प्रतिवेदन तैयार कर समस्त तथ्यों को छुपाते हुये अपर कलेक्टर सरगुजा को अनुमति हेतु प्रेषित कर दिया गया। नजूल अधिकारी अम्बिकापुर के द्वारा सन्दर्भित प्रकरण में की गई कार्यवाही के विरुद्ध अब सरगुजा कमिश्नर से शिकायत की है..

बहरहाल नजूल अधिकारी के विरुद्ध किये गए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद इस मामले में क्या कार्यवाही होगी यह तो भविष्य के गर्भ में है..