सरगुजिहा ठंड का असर : अलाव बिना रहना मुश्किल

अम्बिकापुर

अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ बेतहासा ठंड के लिए चर्चित सरगुजा जिला इस बार भी कडाके की ठंड के आगोश मे है। लेकिन आज इस मौसम का पहला ऐसा दिन रहा जब सुबह आधे पहर तक कोहरे का असर देखा गया। और कल शाम से आज पूरे दिन शीत लहर का प्रकोप रहा। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरप्रदेश मे हो रही बर्फबारी से ऐसा मौसम आगामी कई दिनो तक बना रहेगा। mainpat
छत्तीसगढ मे सबसे अधिक ठंडे इलाको की फेहरिस्त मे शामिल सरगुजा जिला इस बार भी ठंड की मेहरबानी से महरुम नही है। हर बार ठंड मे नए रिकार्ड स्थापित करने वाला सरगुजा जिला इस बार भी कडाके की ठंड झेलने को मजबूर है। सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे तक और शाम चार से देर रात तक लोग अलाव की चौपाल के नजदीक ही नजर आते है। चौक चौराहो ,गली मोहल्लो मे हर जगह लोग आग के ईर्द गिर्द घूमते रहते है। ऐसे मे निमग के द्वारा सार्वजनिक स्थलो मे अलाव की समुचित व्यवस्था ना करने पर रिक्सा और आटो चालक चंदा कर लडकियां खरीद रहे है। और कडकडाती ठंड से बचने से लिए आग को अपना सहारा बना रहे है।
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सरगुजा मे इन दिनो पड रही कडाके की ठंड के साथ ही आज सुबह 12 बजे तक वादियो में कोहरा छाया रहा , जिससे ना केवल आवागमन बाधित हुआ , बल्कि लोग अपने काम धाम छोड आग तापते नजर आए। जिले के गिरते तापमान की बात करे तो प्रदेश का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट मे जंहा तापमान शून्य के आसपास पंहुच गया है तो वही शहरी इलाको मे पारा 4 डिग्री के आसपास तक पंहुच गया है। वही कृषि मौसम विभाग के मुताबिक सरगुजा मे कोहरे और बेतहासा ठंड की वजह हिमाचल प्रदेश और जम्मू काश्मीर मे हो रही बर्फबारी है।

ठंड की वजह से जिला मुख्यालय मे कडकडाती ठंड के साथ ही पर्यटन स्थल मैनपाट पड रही जानलेवा ठंड का नजारा देखते ही बनता है। यंहा की सुबह सफेद होती है। और मैनपाट की ग्रीन वैली धूप निकलने के पहले तक व्हाईट वैली नजर आती है। बहरहाल अब देखना है कि उत्तरभारत की बर्फबारी का असर जिले मे और कितना होता है। और पारा लुढकने की गति क्या होती है।