वीडियो: “खटिया” मे “लाश” ढोना यहां के आदिवासियों की किस्मत मे. एक पुलिया बन जाती तो पहुंच जाती एम्बुलेंस…

जशपुर.. यू तो सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अपनी खुद ही पीठ थपथपाती है..मगर उन सरकारी दावों का क्या?.जो कागजो पर ही बनते और सिमट कर रह जाते है..इन्ही योजनाओं का आज एक ताजा उदाहरण उत्तर सरगुजा के वनांचल जशपुर जिले में देखने को मिला है…

दरअसल आज सुबह जिले के बगीचा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत छिरोडीह के आश्रित ग्राम बुर्जुडीह की महिला पंच सुनीता तिर्की अपनी पालतू भैसों को चराने बसदोहर खेत मे गई थी..इसी दौरान उसकी आकाशीय बिजली के चपेट में आने से वह बुरी तरह घायल हो गई..जिसकी सूचना संजीवनी108 को दी गई थी..और गांव के सरपंच को घायल पंच के परिजनों ने बुलाया था..जिसके बाद सरपंच और घायल महिला पंच के परिजनों ने उसे खाट में लिटाकर लगभग तीन किलोमीटर के दुर्गम पहाड़ी रास्ते को तय कर संजीवनी 108 तक पहुँचे थे..

देखे वीडियो..

वही घायल महिला पंच को जशपुर जिले के पड़ोसी जिले बलरामपुर के शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है..जहाँ उसकी हालत गंभीर बनी हुई है..

बता दे कि ग्राम छिरोडीह में खाट पर मरीजो को ले जाने की यह स्थिति अब एक परम्परा का रूप ले चुका है..इससे पहले भी कई गर्भवती महिलाओं को जान जोखिम में डालकर दुर्गम पथरीले रास्ते से पैदल होकर गुजरना पड़ता है..तब कही जाकर उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या हो पाती है…