8 किलोमीटर दूर खिसक गया बांध……. चमत्कार या भ्रष्टाचार

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अम्बिकापुर

वर्षो से लापता बांध का मिला सुराग…… जल संसाधन विभाग के मुताबिक दूसरे गांव मे बना है चेकडेम

  • रोजगार गारण्टी के तहत 2009-10 मे स्वीकृत हुआ था बांध
  • बांध निर्माण के बाद से मनरेगा के लोकपाल को थी बांध की तलाश
  • मामले ने तूल पकडा तो निर्माण ऐेजेंसी ने बदला सुरUntitled_0047
  • जल संसाधन विभान ने दूसरे गांव मे बांध निर्माण की कही बात.. 

 

रोजगार गारण्टी के तहत बनाया गया लापता बांध आखिरकार मिल ही गया । दरअसल राजपुर विकासखण्ड के कोटगहना मे लाखो की लागत से बना बांध कई वर्षो से गुम हो गया था,, लेकिन अब जल संसाधन विभाग के अधिकारियो ने लापता बांध को आश्चर्यजनक ढंग से ढूंढ निकाला है। लेकिन हैरानी इस बात को लेकर है कि ये बांध अपने स्थान से दूसरे स्थान मे खिसक गया है।

 

सरगुजा जिला पंचायत के द्वारा वर्ष 2009 -10 मे राजपुर विकासखण्ड के कोटगहना मे 20 लाख की लागत से एक चेक डेम का निर्माण की रुपरेखा तैयार की गई , जिसके बाद बांध कागजो मे बन कर तैयार भी हो गया , लेकिन जब बांध के गांव मे ना बने होने की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता ने मनरेगा के लोकपाल से की, तो उन्होने कुछ वर्ष पहले बांध को खोजने का प्रयास किया , लेकिन कोटगहना गांव मे ये बांध मिला ही नही,, लिहाजा निर्माण ऐजेंसी जल संसाधन विभाग से जब इस बारे मे जवाब मांग गया तो, उन्होने कुछ दिन पहले लोकपाल को ये जानकारी दी कि बांध को दूसरे पंचायत मे बना दिया गया है।

Dam Construction
Dam Construction

लोकपाल के मुताबिक कोटगहना मे बना बांध पडोस के गांव मे बना दिया गया है, लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी के मुताबिक जो बांध कोटगहना गांव मे बनना था, उसको गांव से आठ किलोमीटर दूर पहाडखरुआ गांव मे कैसे बना दिया गया ये अचरज की बात है।

 

हैरान परेशान कर देने वाले इस मामले मे तीन सालो तक जो बांध निर्माण स्थल से लापता था ,,, वो अब आठ किलो मीटर दूर बने एक बांध के रुप मे मिल गया है, और जल संसाधन विभाग के अधिकारी और स्वय लोकपाल इसे वही बांध बता रहे है, जो कोटगहना ग्राम पंचायत के लिए स्वीकृत हुआ था। इस गोल मोल मामले मे जल संसाधन विभाग ने क्या गोल माल किया है, ये तो जांच का विषय है, लेकिन जमीनी हकीकत तो यही कहती है कि कही ऐसा तो नही कि दो पंचायतो के लिए स्वीकृत लाखो रुपयो से एक ही बांध बनाया गया हो।

 

 

 

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नागेन्द्र तिवारी, लोकपाल ,मनरेगा

शिकायकर्ता ने शिकायत की थी कोटगहना मे निर्मित चेकडेम गांव मे नही बनी है। जिसकी शिकायत के बाद दो वर्ष पहले हम लोगो ने चेकडेम की तलाश की लेकिन वो कोटगहना गांव मे नही मिली थी। जिसके बाद निर्माण ऐजेंसी जल संसाधन विभाग को नोटिश भेज कर जवाब मांगा गया , और बाद मे विभाग के लोगो ने पुलिया को दूसरे गांव मे बनाना बताया , मौके पर जाकर देखा गया तो दूसरे पंचायत मे बांध बना है। जिसका उपयोग वंहा के लोग कर रहे है।

 

 

D.K.SONI
D.K.SONI

 

दिनेश सोनी , आटीआई कार्यकर्ता एंव अधिवक्ता

मेरे द्वारा की शिकायत की पडताल मे 20 लाख की लागत से बने चेक डेम का कोटगहना गांव मे कोई पता नही चला था,, जबकि खुद लोकपाल महोदय ने गांव मे इसकी छानबीन की थी। अब दो वर्ष बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारी चेक डेम को कोटागहना से आठ किलोमीटर दूर दूसरे गांव मे बनाना बता रहे है। मामला संदेहास्पद नजर आ रहा है।