लकडी तस्करी के लिए. बदनाम हो गया सरगुजा का लुण्ड्रा इलाका. फिर पकडी गई बडी खेप 

अम्बिकापुर..(पारसनाथ सिंह).. अपने खूबसूरत जंगल की वजह से इंसानो को प्रतिकूल मौसम देने वाले सरगुजा मे इन दिनो वनो की कटाई जोरो पर है. जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण पुलिस की एक कार्यवाही मे सामने आ गया. कोतवाली पुलिस ने शहर से लगे रामानुज नगर रोड से एक पिकप वाहन को दौडा कर पकडा. जिसमे 90 नग सरई पेड की लकडी थी. फिलहाल लिखा पढी के बाद पुलिस ने वन विभाग को मामला सौंप दिया है.

अम्बिकापुर कोतवाली पुलिस की अभिरक्षा मे बैठे ये दो युवको को पुलिस ने चोरी की लकडी के अवैध परिवहन के अपराध मे गिरफ्तार किया है. पुलिस को मुखबिर से ये सूचना मिली थी कि कुछ लोग पिकप वाहन मे लकडी का अवैध परिवहन कर रहें है. तो फिर कोतवाली पुलिस की पेट्रोलिंग टीम के आरक्षक ने बीती देर रात संदिग्ध वाहन को शंकरघाट के पास रुकवाया. और वाहन की तलाशी ली. जिसमे 7-7 फिट के 90 पीस सरई लकडी की चौखट मिली. इधर पकडा गया आऱोपी ड्रायवर अंजय और इरफान के मुताबिक चोरी की लकडी अम्बिकापुर के इरफान उर्फ टिल्लू द्वारा लुण्ड्रा ब्लाक के कोरिमा बांसा गांव से लाई जा रही थी. जिसके अम्बिकापुर तक लाने के की जिम्मेदारी पकडे गए आऱोपी रमजान अंसारी और अंजय कुमार को दी गई थी.

पकडा गया आरोपी अंजय कुमार लंबे समय से टिल्लू उर्फ इरफान के लिए चोरी की लकडी शहर तक पहुंचाने का काम करता था. औऱ जिस वक्त पुलिस ने पिकप वाहन रुकवाया मामले का मुख्य आऱोपी टिल्लू उर्फ इरफान पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया.. इधर कोतवाली पुलिस ने चेकिंग के बाद पिकप वाहन को अपने कब्जे मे ले लिया था. चूंकि मामला वन विभाग से जुडा है. लिहाजा कोतवाली थाने मे पदस्थ सब इंस्पेक्टर शशिकांत यादव ने पूरे मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियो को देकर आगे की कार्यवाही की जिम्मेदारी जिले के लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के अधिकारियो को सौंप दी है.

सरगुजा मे लकडी की अवैध तस्करी का ये कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले तो कई मामलो मे पुलिस तो कई मामलो मे वन विभाग के लोगो पर लकडी तस्करी के आरोप लग चुके हैं. औऱ इस मामले मे ये बात सामने आ रही है कि फरार आऱोपी इरफान उर्फ टिल्लू शहर के एक प्रतिष्ठित फर्नीचर व्यवसायी के घर चोरी के लडकियों की खेप पहुंचाने जा रहा था. लेकिन सफल नही हो पाया.. बहरहाल पूरे मामले ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वन विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण लकडी माफिया किस तरह बेखौफ हैं.