राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुई……… मंत्री श्रीमती रमशीला साहू

रायपुर 

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय महिला एवं बाल विकास मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में आज दूसरे दिन भी शामिल हुई। सम्मेलन में प्रदेश में बाल देखरेख संस्थाओं, पंचायत स्तर पर विशेष महिला पुलिस सहयोगियों के लिए प्रस्तावित योजना, वन स्टाप सेंटर और महिला हेल्पलाईन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में सफलता पूर्वक संचालित वन स्टॉप सेंटर की वीडियो क्लीपिंग भी प्रदर्शित की गई, जिसकी सराहना केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने भी की है। सम्मेलन में राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री दिनेश श्रीवास्तव भी शामिल हुए।
सम्मेलन में श्रीमती साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला एवं पुरूषों का अनुपात तुलनात्मक रूप से बहुत अच्छा है। छत्तीसगढ़ सरकार बेटियों को सक्षम बनान, उनका आर्थिक आधार मजबूत करने, शिक्षा का स्तर बढ़ाने तथा कन्या भू्रण हत्या की रोकथाम के लिए प्रदेश में नोनी सुरक्षा योजना संचालित कर रही है। इस योजना में बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने पर एक लाख रूपये की राशि दी जायेगी। महिलाओं तथा बालिकाओं की छेड़छाड़ व सार्वजनिक स्थलों पर उत्पीड़न की रोकथाम तथा 24 घंटे शिकायत सुनने व उनके निराकरण के लिए रायपुर एवं दुर्ग भिलाई में एकीकृत महिला सहायता केन्द्र संचालित है। इन केन्द्रों में टोल फ्री नम्बर 181 के माध्यम से अपनी समस्या बतायी जा सकती है। सखी के रूप में संचालित इन केन्द्रों में सभी प्रकार के विशेषज्ञों की सेवायें उपलब्ध   है। पिछले दो माह में इन केन्द्रों में 99 प्रकरणों का समाधान किया गया है। राष्ट्रीय महिला कोष की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा “छत्तीसगढ़ महिला कोष” स्थापित की गई है। इस कोष के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों को तीन प्रतिशत न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है। इसके अलावा विधवा, तलाकशुदा महिलाओं और अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं को सक्षम योजना के तहत ़़ऋण एवं स्वावलंबन योजना के माध्यम से रोजगार मूलक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना’ का संचालन किया जा रहा है । रायगढ जिले में बाल स्त्री-पुरूष अनुपात 943 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 918 से अधिक है। रायगढ़ जिले के सभी 761 ग्राम पंचायतों मेें गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाया गया है। इसके अलावा आठ नगरीय निकायों के 186 वार्डो में यह बोर्ड लगाया गया है। हमारे राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पिछले 17 सितम्बर को रायगढ़ जिला मुख्यालय में आयोजित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसी दिन उन्होंने बेटियों के सम्मान में रायगढ़ रेलवे स्टेशन के प्रमुख चौक का नामकरण ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ चौक’ किया है।
श्रीमती साहू ने बताया कि प्रदेश की बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों के भोजन के लिए राज्य सरकार द्वारा 500 रूपये अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी गई है। इससे बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। एकीकृत बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत प्रदेश में चयनित लगभग दो हजार 550 पंचायतों में ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति गठन के लिए प्रशिक्षण कराया गया है। राज्य के चयनित पांच हजार 265 पंचायतों में देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों का सर्वेक्षण किया रहा है। सर्वे मंे चिन्हांकित बच्चों को समुचित संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (मिलेनियम डव्हेलपमेन्ट गोल) की चुनौती को स्वीकार करते हुए कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए ‘‘शासन-समाज की सहभागिता’’ से कुपोषण मुक्ति अभियान प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में समुदाय आधारित नवाजतन योजना और मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से कुपोषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है। श्रीमती साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ का अधिकांश हिस्सा आदिवासी बहुल, भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम और कठिन है। आशा है कि राज्य की विशेष कठिन परिस्थितियों को देखते हुए केन्द्र शासन की ओर से समुचित सहायता निरंतर मिलती रहेगी ।