मासूम बच्ची के हत्यारे गिरफ्तार

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सूरजपुर

अंधे कत्ल का पर्दाफाश 

प्रतापपुर थाना क्षेत्र के खडगंवा चौकी क्षेत्र के जगन्नाथपुर मिशन स्कूल में साढ़े 3 वर्षीय बच्ची प्रियंका नर्सरी में पढ़ रही थी । तथा उसका भाई पंकज कक्षा पहली में पढ़ता था । जो दोनों साथ स्कूल आते थे। गत् 12 अगस्त को सुबह फुलजेंस बेक दोनों बच्चों को मिषन स्कूल में छोड़कर ड्यिुटी करने शक्कर कारखाना केरता चला गया जो स्कूल के शार्ट ब्रेक के समय 11.00 बजे करीब प्रियंका बाथरूम करने स्कूल के गेट से बाहर गई थी । जो वापस नहीं आई। लंच ब्रेक में प्रियंका का भाई पंकज प्रियंका को लंच करने के लिये खोजने लगा जो वह नहीं मिली कमरे में प्रियंका की षिक्षिका कमला कुजूर ने देखा तो प्रियंका का बैग स्कूल के कमरे में था, आसपास तलाष किये तो उसका कोई पता नहीं चला। 3.00 बजे स्कूल की छुट्टी के समय प्रियंका व का दादा बच्चों को लेने आया जो प्रियंका के नहीं मिलने तथा स्कूल वालों के यह कहने पर कि हो सकता है कि प्रियंका घर चली गई होगी वह पंकज को लेकर वापस चले गया।

बच्ची के गुम होने की सूचना पर गुम इंसान क्रमांक 11/14 व अपराध क्रमांक 174/14 धारा 363 भादवि. का कायम कर पतासाजी में लिया गया तथा घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक सूरजपुर प्रखर पाण्डेय को दी गई जो मामले की गम्भीरता को देखते हुए एएसपी सूरजपुर मनीषा ठाकुर के नेतृत्व में थाना प्रभारी प्रतापपुर, चैकी प्रभारी खड़गवां व क्राईम ब्रांच सूरजपुर की टीम को तत्काल घटना स्थल में जाकर पतासाजी हेतु निर्देषित किये जो पता तलाष खोजबीन के दौरान दिनांक 16 अगस्त 2014 को रामप्रसाद गोंड़ के गन्ना के खेत में मृतिका बच्ची प्रियंका का शव मिला, जो एएसपी मनीषा ठाकुर के द्वारा पुलिस अधीक्षक सूरजपुर प्रखर पाण्डेय को हालात की जानकारी दी गई, जो उनके द्वारा तत्काल मौके पर एफएसएल टीम, डाॅग स्काॅट व अन्य बल को मौके पर पहुंचने हेतु निर्देषित किये तथा स्वयं घटना स्थल पर पहुंचे एवं उपरोक्त सभी टीमों को आरोपी को पकड़ने एवं विवेचना कार्यवाही हेतु आवष्यक मार्गदर्षन व निर्देष दिये।

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मामले के खुलासा के संबंध में श्री पाण्डेय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि आरोपी बुद्धेष्वर उर्फ बुद्धे पिता होलसाय बेक उम्र 28 वर्ष एवं बछराज गिद्ध उर्फ बंषराज पिता परषुराम उरांव उम्र 25 वर्ष दोनों निवासी जगन्नाथपुर ने पूछताछ पर बताया कि गत् 12 अगस्त कोघटना के समय मृतिका प्रियंका के चाचा बुद्धेष्वर अपने साथी बछराज गिद्ध के साथ मिलकर सायकल से स्कूल के पीछे से प्रियंका को उठाकर बांध तरफ ले गये तथा सायकल को बांध के किनारे खड़ा कर बच्ची को लेकर दोनों बांध के बगल में रामप्रसाद गोंड़ के गन्ना के खेत के मेढ़ में ले गये, उस समय दोनों आरोपी नषे में थे उस समय बच्ची उनके पास से भागने व चिल्लाने का प्रयास कि तो पहले बछराज ने बच्ची को दो चाटा मारा फिर बुद्धेष्वर ने उसे उठाकर गन्ने के खेत में पानी में पटक दिया जिससे मृतिका प्रियंका मुह के बल खेत में गिरी उसी समय बुद्धेष्वर ने वहीं मेढ़ में पड़े हुए पत्थर को उठाकर बच्ची के सिर में पटक दिया जिससे बच्ची का सर फट गया फिर दोनों पत्थर को वहीं छोड़कर बांध के पास रखे अपने सायकल को वहां से लेकर वहां से चले गये।

 

 

पूछताछ में बुद्धेष्वर का मृतिका बच्ची के दादा, पिता से जमीन का पट्टा पर्चा के संबंध में पूर्व से विवाद होना जिसके संबंध में पूर्व में कई बाद बुद्धेष्वर व मृतिका के दादा, पिता के साथ विवाद हुआ था। आरोपी बछराज ने बताया कि एक माह पहले से आरोपी बुद्धेष्वर मारने का प्लान बनाया था, जो मौके की तलाष में था, जो घटना दिनांक को मृतिका बच्ची प्रियंका को अकेली पाकर उसे उठाकर ले जाकर पुरानी जमीन संबंधी विवाद के कारण मसूम बच्ची का हत्या कर दिये हैं। जो दोनों आरोपियों को थाना प्रतापपुर के अपराध क्रमांक 174/14 धारा 363, 364, 302, 34 भादवि. में गिरफ्तार किया जाकर न्यायिक रिमाण्ड में न्यायालय पेष किया गया है। उक्त कार्यवाही में एएसपी मनीषा ठाकुर, थाना प्रभारी प्रतापपुर निरीक्षक ए.के. बाजपेयी, क्राईम ब्रांच प्रभारी सी.पी. तिवारी, चोकी प्रभारी खड़गवां प्रमोद पाण्डेय, एएसआई राजेष तिवारी, प्रधान आरक्षक विषाल मिश्रा, इन्द्रजीत सिंह, माधव सिंह, लालचंद कुजूर, हरिषंकर तिवारी, लिनूष लकड़ा, आरक्षक अभय तिवारी, सुनील विष्वकर्मा, दीपक सिंह, अक्षय चैरसिया, पवन ठाकुर, अजय पाण्डेय, ललन सिंह, अमरेन्द्र दुबे, महेन्द्र सिंह, सीताराम पैकरा, प्रवीण तिर्की, सुभाष पैकरा, महिला आरक्षक सरीता टोप्पो, आषा लकड़ा, सैनिक गणपति, रूपनारायण व अन्य स्टाफ सक्रिय रहे।