इस सरकारी स्कूल को देखकर आप भूल जायेंगे प्राइवेट स्कूल

बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की बात आते ही,जेहन में सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता पर कई सवाल उठ खड़े होते है,कही सरकारी भवनों,तो कही शिक्षकों की कमी को लेकर प्रश्न चिन्ह लगते है,लेकिन इन सब बातों से जुदा बलरामपुर जिले की प्रज्ञा शालाओ में शिक्षा का स्तर सुधारने,और निजी शिक्षण संस्थानों जैसी सुविधाएं देने की कवायद की जा रही है।

दरसल शिक्षा में गुणवत्ता के उद्देश्य से जिले में प्रज्ञा शालाओ का संचालन किया जा रहा है,वर्तमान में सरकारी प्राथमिक शालाओ को चिन्हाकित कर इन स्कुलो को प्रज्ञा शाला के रूप तब्दील किया गया है,प्रज्ञा शालाओ में पढ़ाई की रूप रेखा निजी शैक्षणिक संस्थानों के बराबर है,इन स्कुलो में पढ़ाने वाले शिक्षकों को नई तकनीक से स्कूली बच्चों को पढ़ाने बकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया है,इन स्कुलो में बच्चों को खेल कूद और कहानियों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

पैरेंट्स भी है,सन्तुष्ट-निजी शैक्षणिक संस्थानों जैसी हो रही पढ़ाई

वही इन प्रज्ञा शालाओ में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स भी नई शिक्षा पद्धति से संतुष्ट है,वे बच्चों की  शैक्षणिक गतिविधियों को पहले की अपेक्षा अब बेहतर मान रहे है।

कलेक्टर के प्रयास से शुरू हुई -प्रज्ञा

प्रज्ञा शालाओ में स्थानीय स्तर पर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण के प्रयास से निजी शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओ का विशेष ध्यान रखा गया है,वर्तमान समय मे जिले के रामानुजगंज में स्थित प्रज्ञा शाला में पहले की अपेक्षा अब विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

एलईडी टीवी के माध्यम से पढ़ रहे बच्चे

स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन ने सरकारी स्कूलों को कैटेगरी वाइस डिवाइड किया है,यही नही ब्लाक मुख्यालयों के प्राथमिक शालाओ को प्रज्ञा शालाओ का नाम दिया गया है,तथा गाँवो के कुछ स्कुलो को चिन्हाकित कर मॉडल स्कूल बनाया गया है,रामचन्द्रपुर विकासखण्ड में 82 मॉडल स्कूलो का संचालन किया जा रहा है,जहाँ एलईडी टीवी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का कार्य वर्तमान शिक्षण सत्र से किया जा रहा है।

आंगनबाड़ियों और प्राथमिक स्कूल की बदली -तस्वीर

जिले में प्राथमिक शालाएँ ही नही आंगनबाड़ियों की तस्वीर भी बदली जा रही है,शिक्षा गुणवत्ता सुधारने की बयार में जिले के 6 विकासखण्डो में खण्ड मुख्यालयों में प्रज्ञा शालाओ का संचालन किया जा रहा है,यही नही समूचे जिले में 422  मॉडल स्कूल संचालित किए जा रहे है।