प्रदेश के गरीब परिवारों को एक रूपए किलो में मिलेगा 35 किलो अनाज

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फाईल फोटो

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत छत्तीसगढ़ में प्राथमिकता वाले राशन कार्ड धारक परिवारों को एक जनवरी 2014 से मात्र एक रूपए किलो में 35 किलो अनाज (चावल अथवा गेहूं) देने का औपचारिक आदेश कल देर शाम यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) से जारी कर दिया गया। इस आदेश में राज्य शासन के दस जून 2009 के परिपत्र में निर्धारित की गई दर को संशोधित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने घोषणा पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि लगभग 47 लाख गरीब परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।
संशोधित दर के अनुसार प्राथमिकता वाले इन परिवारों को नीले राशन कार्ड में एक रूपए किलो में यह अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री विकासशील द्वारा मंत्रालय से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र के साथ इस आशय का आदेश जारी किया गया है। श्री विकासशील ने आज बताया कि प्राथमिकता वाले प्रत्येक परिवार को 35 किलो अनाज दिया जाएगा। उनके द्वारा कल जारी परिपत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के तहत प्राथमिकता वाले नीले राशन कार्ड धारकों के लिए अनाज (गेहूं अथवा चावल) की उपभोक्ता दर एक जनवरी 2014 से एक रूपए प्रति किलो निर्धारित की जाती है। इसके साथ ही निःशक्तजन (हरा राशन कार्ड) एवं अनवीनीकृत मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के पुराने राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं को भी इसी दर पर अनाज दिया जाएगा। परिपत्र में बताया गया है कि यह पुनरीक्षित उपभोक्ता दर एक जनवरी 2014 से प्रभावशील होगी।
परिपत्र में सभी कलेक्टरों को राज्य शासन द्वारा निर्धारित इस नवीन उपभोक्ता दर की सूचना सभी उचित मूल्य की दुकानों और पंचायत भवनों में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने और प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया के स्थानीय प्रतिनिधियों के सहयोग से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। परिपत्र में बताया गया है कि खाद्य विभाग की ओर से द्वार प्रदाय योजना के तहत नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रदेश की सभी उचित मूल्य दुकानों को प्राथमिकता वाले राशनकार्ड धारकों के लिए 55 पैसे प्रति किलो की दर से  चावल और गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा विभागीय साफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन किया जा रहा है।