नक़ल प्रकरण में निलंबित DEO को राहत.. बहाली के बाद फिर लिया जिले में चार्ज..!

बलरामपुर कृष्ण मोहन कुमार- जिले के निलंबित जिला शिक्षा अधिकारी आईपी गुप्ता को स्कूल शिक्षा विभाग ने बहाल कर दिया है, आईपी गुप्ता तथा 2 शिक्षको और एक शिक्षकर्मी को बोर्ड परीक्षा में सामूहिक नकल मामले में दोषी पाया था,तथा माध्यमिक शिक्षा मंडल ने तत्कालीन डीईओ रहे आईपी गुप्ता पर उचित कार्यवाही करने की अनुशंसा स्कूल शिक्षा विभाग से की थी,तब इसी महीने ही डीईओ आईपी गुप्ता को निलम्बित कर रायपुर तलब किया गया था।

पूरक परीक्षा में नकल प्रकरण का मामला…

वर्ष 2017 में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बोर्ड की पूरक परीक्षाएं आयोजित कराई गई थी,जिसमे  से एक शिकायत माध्यमिक शिक्षा मंडल को की गई थी,तब कुसमी ब्वॉयस हाई स्कूल परीक्षा केंद्र के उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में पाया गया था,की उक्त परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी के आसार थे,और  मामले की जांच की गई थी, इस नकल प्रकरण में डीईओ से जवाब तलब किया गया था,लेकिन माध्यमिक शिक्षा मंडल को तत्कालीन डीईओ रहे आईपी गुप्ता ने भ्रामक जानकारियां दी थी,जिसके बाद इस समूचे मामले में डीईओ केंद्राध्यक्ष,पर्यवेक्षक,सहायक पर्यवेक्षक को दोषी मानते हुए मण्डल ने स्कूल शिक्षा विभाग को कार्यवाही की अनुशंसा की थी।

डीईओ समेत चार लोगों पर हुई थी कार्यवाही….

इधर स्कूल शिक्षा विभाग ने डीईओ आईपी गुप्ता को निलंबित ,परीक्षा केंद्राध्यक्ष मानिकचन्द गुप्ता, पर्यवेक्षक उमेश कुमार को निलंबित कर दिया था,इस मामले में संलिप्त एक अन्य शिक्षाकर्मी को जिलापंचायत के द्वारा निलम्बित किया गया था।

प्रभारी डीईओ ने लौटाया प्रभार…

लोक सुराज अभियान के पहले हुई इस कार्यवाही से जिले में हड़कम्प मच गया था,जिले में  डीईओ का आशारानी टोप्पो सहायक संचालक को दिया गया था। वही आज इस नकल प्रकरण का जिन्न तब फिर से बाहर आ गया ,जब डीईओ आईपी गुप्ता को बहाल कर दोबारा जिले में बतौर जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ कर दिया गया है,इसके पूर्व यह कयास लगाए जा रहे थे,की जिले में नए डीईओ की पोस्टिंग हो सकती है,बावजूद इन सबके उन तमाम अटकलों और कयासों पर आज पूर्ण विराम लग गया है।

जांच और कार्यवाही सन्देह के घेरे में…

हालांकि यह चर्चायें आम है,की सस्पेंशन के री इस्टेट की इस प्रकिया में इतना कम समय कैसे लगा? और वास्तविक रूप से नकल प्रकरण में डीईओ जिम्मेदार नही थे,तो उनका सस्पेंशन क्यो किया गया? यह केवल चर्चायें मात्र नही है बल्कि आज उपजी यह परिस्थिति सन्देह उतपन्न कर रही है कि नकल प्रकरण के जांच में भी त्रुटि हुई हो।