नियमो को ताख पर रख सेटिंग से मिल जाता है कलाकेन्द्र मैदान

नियमो को ताख पर रख निगम कर्मी चला रहे नगर निगम

मीना बाजार के लिए कलाकेन्द्र मैदान आबंटित

अम्बिकापुर

नगर निगम में इस कदर अराजकता का माहौल है की सारे नियमो को दरकिनार करते हुए निगम कर्मी मनमाने ढंग से काम को अंजाम दे रहे है। वैसे तो अम्बिकापुर नगर निगम के हर काम में कमोबेस यही स्थित है लेकिन इन मदमस्त निगम कर्मियों ने शहर के मध्य स्थित कलाकेन्द्र मैदान को अपनी काली कमाई का जरिया बना लिया है। और इस कमाई के लिए वो किसी भी नियम को तोड़ने या किसी भी निर्देश की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे है।

दरअसल कलाकेन्द्र मैदान में किसी भी आयोजन के लिए नगर निगम में आवेदन करना होता है और पहले आये आवेदन के अनुसार निगम को कला केंद्र मैदान आबंटित करना होता है। जानकारी के मुताबिक़ यहाँ नियमो की अनदेखी कर सेटिंग का खेल निगम के कर्मी खेल रहे है आरोप यह भी है की मोटी रकम लेकर उस संस्था को मैदान आबंटित कर दिया जाता है जिसका आवेदन बाद में प्राप्त हुआ हो और दस्तावेजी प्रमाण बना कर खुद को ये कर्मचारी सुरक्षित भी कर लेते है। गौरतलब है की तीन महीने पहले सरगुजा पत्रकार संघ ने क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए कलाकेन्द्र मैदान की मांग की थी लेकिन आज तक सरगुजा पत्रकार संघ को भी मैदान नहीं दिया गया और टालमटोल किया गया। खबर यह भी है की पिछले दिनों सरगुजा कलेक्टर ने निगम को सख्त हिदायत देते हुए कहा था की मार्च के महीने में कलाकेन्द्र मैदान में किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं होना है कलेक्टर द्वारा दे गई इस हिदायत को खुद महापौर ने भी स्वीकारा है लेकिन निगम के कर्मचारियों की हिम्मत तो देखिये कलेक्टर के निर्देश को भी ठेंगा दिखाते हुए मनमाने तरीके से निगम को चलाया जा रहा है और एक मीना बाजार इस मैदान में लगाने को तय्यार है। बहरहाल अंबिकापुर नगर निगम में परिषद् और प्रशासन की अनबन किसी से छिपी नहीं है हालात इतने बिगड़ चुके है की निगम आयुक्त को हटाने के लिए निगम के सदन में प्रस्ताव तक लाया जा चुका है और इस खीचतान की राजनीति में निर्मित ये महौल स्वाभाविक है।

छत्र संघ ने कलेक्टर से की शिकायत

इस सम्बन्ध में पीजी कालेज छात्र संघ अध्यक्ष ने सरगुजा कलेक्टर से लिखित शिकायत की है छात्र संघ अध्यक्ष उपेन्द्र पाण्डेय ने बताया की 1 फरवरी को क्रिकेट मैच कराने के लिए निगम में कलाकेन्द्र मैदान के आबंटन के लिए आवेदन दिया गया था और उसकी रसीद भी कटाई गई थी लेकिन मैदान क्रिकेट के लिए ना देकर मीना बाजार लगाने के लिए किसी संस्था को दे दिया गया है लिहाजा नियमो की अनदेखी के साथ युवाओं को खेल से वंचित रखे जाने की शिकायत सरगुजा कलेक्टर से 16 फरवरी को की गई है।

युवक कांग्रेस को भी करनी पडी शिकायत

गौरतलब है की अम्बिकापुर नगर निगम में कांग्रेस की सत्ता है बावजूद इसके सत्ता धारी दल को भी निगम की जिम्मेदारियो का अहसास कराने के लिए कलेक्टर से शिकायत करनी पड़ रहे है। इस सम्बन्ध में युवा कांग्रेस नेता आलोक सिंह ने सरगुजा कलेक्टर को लिखित शिकायत देते हुए जिक्र किया है की कालेजो की परीक्षा चल रही है और बीच शहर में स्थित कलाकेन्द्र मैदान को मीना बाजार के लिए दे दिया गया है जिससे शोर गुल के साथ ही छात्रो ध्यान पढ़ाई से भटकेगा लिहाजा इन्होने मीना बाजार को पारीक्षाओ के बाद संचालित करने का निवेदन किया है। इन परिस्थितयो में सवाल यह उठते है क्या सत्ता धारी दल की भी नहीं सुनी जाती है इस नगर निगम में।

दानिश रफीक नेता जकाँछ (जे)

इस सम्बन्ध में जोगी कांग्रेस के नेता दानिश रफीक ने निगम कर्मियों पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है की नगर निगम में पूरी तरह भ्रष्टाचार फैला हुआ है, कलेक्टर साहब के आदेश की भी अवहेलना की जा रही है उन्होंने यह भी कहा की निगम कर्मी एसडीएम् से साठ गाँठकर के मीना बाजार की अनुमति दे दी है जो निगम में अफसर शाही हावी होने का परिचायक है।

मामले में कुछ भी कहने में असहज नजर आये महापौर

इस मामले में जब निगम के जिम्मेदार अधिकारी निगम आयुक्त ने फोन रिसीव नहीं किया और हमने निगम के माहापौर से बात की तो उन्होंने कहा की नहीं ऐसा नहीं है…दो मीना बाजार वालो ने एक ही डेट को आवेदन दिया था जिस पर अपासी समझौते के तहत एक को पहले और एक को बाद में मैदान आबंटित किया गया है। छात्रो को टूर्नामेंट के लिए मैदान क्यों नही दिया गया सवाल पर महापौर असहज नजर आये और बात को टालते हुए बस हूँ हूँ ही करते रह गए..वही उनसे जब ये पूछा गया की कलेक्टर ने टीएल मीटिंग में कुछ निर्देश दिए थे उसे भी स्वीकारते हुए महापौर ने बताया की हां कलेक्टर ने मार्च के महीने में किसी को भी कलाकेन्द्र मैदान आबंटित ना किये जाने की हिदायत दी थी लेकिन..? बस इस लेकिन के बाद महापौर और कुछ नहीं कह सके लिहाजा महापौर के जवाब से साफ़ झलक रहा था की निगम में नौकरशाहों के आगे वो भी विवश है और अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ बोलने में उन्हें असहजता हुई।