डायरिया से हुई तीन मौत के बाद जागा स्वास्थ महकमा.. मैनपाट के पंहुचविहीन गांव का मामला

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अम्बिकापुर(मैनपाट) DSC_0111

पंहुचविहीना का दंश झेल रहे सरगुजा के मैनपाठ इलाके का एक गांव इन दिनो डायरिया और मौसमी बुखार की चपेट मे है। इस गंभीर बिमारी और स्वास्थ महकमे की अनदेखी से इस बिमारी ने उग्र रुप ले लिया है। और गांव के तीन लोगो की मौत हो चुकी है,, तो कई जिंदगी और मौत से जूझ रहे है।

DSC_0126सरगुजा के मैनपाट जनपद मुख्यालय कमलेश्वरपुर से 15 किलोमीटर दूर ,,तीन ओर पहाडी और एक ओर बरसाती मछली नदी से घिरा ये है…. सुपलगा गांव की ढोडीटिकरा बस्ती। वैसे तो मछली नदी मे भरे बरसाती पानी की वजह से इन दिनो इस बस्ती का सीधा संपर्क मुख्यालय से टूट गया है, लेकिन एक किलोमीटर नदी पार कर जब हम इस बस्ती मे पंहुचे, तो यंहा हर घर मे एक दो सदस्य बिमार मिले। कोई मौसमी बुखार तो ज्यादातर डायरिया से पीडित थे।इस गांव मे बिमारी इतनी संकामक हो गई है गांव के दो परिवार के तीन लोगो की मौत भी हो चुकी है । मृतको मे 90 वर्षीय चेरुम राम , 85 वर्षीय संधई बाई, और 75 वर्षीय सोमारी बाई शामिल है।

 

 

 

DSC_0138वैसे तो बैगा जाति के राम और बुधराम नामक व्यक्ति ने अपने घर मे दो लोगो की गंभीर स्थिती की बारे मे गांव की मितानिन को बताया था,, लेकिन इलाज के लिए गांव मे डाक्टर तब पंहुचे , जब चार दिन बाद इनके घर की तीन सदस्य इस दुनिया से रुकसत हो गए । और तीन गंभीर रुप से बिमार को इलाज के लिए मैनपाठ भेज दिया गया है। खैर अब तो ना केवल मैनपाट का स्वास्थ अमला ही नही बल्कि जिला स्वास्थ महकमे के उच्चाधिकारी भी गांव पंहुच गए है। और उनकी दलील है कि मौत यंहा की भौगोलिक परिस्थितियो औक जहरीला खान पान से हुआ है।

 

पंहुचविहीनता का दंश झेल रहे लोगो की कांपती आवाज से दर्द भरी दास्तान सुनने से ये लगा कि स्वास्थ महकमे की तरफ से इनका सुनने वाला कोई नही । बहरहाल मैनपाट के सुपलगा मे हुई तीन मौत का जिम्मेदार कौन है ये तो जिम्मेदार जाने,,, लेकिन हकीकत तो ये है कि अगर गांव मे बिजली, सडक और नदी मे पुल

CMO SURGUJA AND BMO MAINPAT
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होता तो मौत की नींद सो चुके लोगो को बचाया जा सकता था।

 

बुधराम , मृतक के परिजन
मितानिन से बताए थे, लेकिन कोई नही आया ,हमारे घर मे दो लोगो की मौत हो गई है।

 

डी.डी.अग्रवाल , सीएमओ, सरगुजा

इस गांव की भौगोलिक स्थिती के कारण इस तरह की परस्थियो ने जन्म लिया है। सभी मृतक ज्यादा उम्र के थे। और यंहा के लोग खाने पीने मे खुखडी ,पुट्टु जैसे कंद का उपयोग करते है। जिससे कुछ जहरीला खाद्य प्रदार्थ खाने की संभावना है। और फिलहाल बस्ती के सभी घरो मे इलाज कार्य करने के लिए मेडिकल टीम यंहा पर मौजूद है।