टापू बने कई गांव …….और कई गांव का मध्यप्रदेश के सिंगरौली के सहारे चल रहा है जीवन यापन

  • टापू बने कई ग्राम राज्य सीमा से लगे ग्रामों में मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से चल रहा जनजीवन
  • बारिश से बिगडे हालात दसेर सुख्तरा आनंदपुर कछुवा खोह बंधउरा रेवला का राज्य ,
  • जिला एवं ब्लाक मुख्यालय से संपर्क कटा
कोरिया  (सोनहत से राजन पाण्डेय)
कोरिया जिले के विकासखंड सोनहत समेत भरतपुर सोनहत विधान सभा क्षेत्र में अत्यंत खराब रास्तों पर बारिश के दौरान मिटटी के बह जाने एवं पुल-पुलिया के नहीं बनने से क्षेत्र के कई ग्रामों का विकासखंड एवं जिला मुख्यालय से संपर्क लगभग कट सा गया है।  आलम है की इन मार्गो पर पुर्व में भी चलने में भारी परेशानी होती थी लेकिन गर्मी के मौसम में कई स्थानों पर डाली गई मिटटी बह गई है और पूरा मार्ग कही कीचड़ में तब्दील हो गया है और कही पूरा मार्ग ही बह गया है। उल्लेखनीय है की है की पिछले कई दिनों से हो रही बारिश एवं बुधवार को हुई भारी  बारिश के कारण क्षेत्र के नदी नालों का जल स्तर बढने एवं बरसात में पहुच मार्ग का आभाव होने के कारण इन गांवों की जिंदगी ठहर सी गई है । वर्तमान समय में हो रही तेज बारिश के कारण  ग्राम रेवला कछुवाखोह बंधउरा का संपर्क पूरी तरीके से कट गया है। आलम है की ग्रामीणों का हाल जानने स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी संबंधित ग्राम तक नही पहुचा है । जिससे निवासरत आदिवासी ,पंडों, एवं अन्य परिवार के हालत मेें सुधार नही हो पा रहा है वर्तमान में स्थिती यह है की न तो प्रशासनिक अमला वहां तक पहुचा है और न ही ग्रामीण मुख्यालय तक आ पा रहे है ऐसी स्थिती में यदि कोई आपातकालीन घटना होती है तो उसका निराकरण कैसे होगा यह बहुत बड़ा प्रश्न है । इसके अतिरिक्त ग्राम गिधेर में नदी नालों पर पुल पुलिया नही होने एवं पहुच मार्ग का आभाव होने के कारण लोग पूरी तरीके से संपर्क बाहर हो गए है । साथ ही सोनहत विकासखंड के शेराडांड पलारीडांड सुक्तरा रासौकी मझगवां कुरथी एवं भरतपुर क्षेत्र के कुछ ग्रामों में भी हालात कुछ इसी तरह के बने हुए है ।
मघ्यप्रदेश पर आश्रित जनजीवन
सोनहत विकासखंड के वनांचल ग्राम कछुवा खोह एवं बंधउरा में आज भी अवागमन सबसे बडी परेशानी है । साधारण दिनों में तो काफी मशक्कत के बाद यहां तक पहुचा जा सकता है लेकिन बरसात के दिनों में यहां तक अच्छे से पहुचने के लिए मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से होकर जाना पड रहा है । फिर भी पूरे ग्राम तक पहुचने के लिए तीन से पांच किलोमीटर तक की पद यात्रा करनी ही पड रही है। वर्तमान समय में मिली जानकारी अनुसार यहां के लोग अपने जरूरतों के लिए फिलहाल पूरी तरीके से मध्यप्रदेश पर ही आश्रित है। इसके अतिरिक्त ग्राम गोयनी आनंदपुर में भी हालात बदतर हो चुके है आलम है की चार पहिया वाहनों का प्रवेश पुर्णतः बंद हो गया है वही दुपहिया वाहन भी भारी मशक्कत के बाद भी अपने गंतब्य तक नही पहुच पा रहे है । वही राज्य की सीमा से लगे होने के कारण इन ग्रामों का संपर्क लगभग कट गया है और अधिकांश अवाजाही एवं जरूरी संसाधनों की पूर्ति मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के मार्गो से हो रही है ।
रास्ते में फसे जनप्रतिनिधि
सोनहत विकासखंड के इन ग्रामों में दर्जनों भर अलग अलग नदी नालों को पार करके जाना पड़ता है. लेकिन इनमें से एक भी नालों पर पुल नहीं बना है. इससे गांव के सैकडों परिवार को तीन माह तक शहरी जीवन से कटा रहना पड़ता है.।  वनांचल ग्राम आनंदपुर दसेर एवं कछुवाखोह जायजा लेने गए सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पेन्द्र राजवाड़े राजेश साहू एन के मिश्रा एवं कांग्रेसी नेता लव प्रताप सिंह को भी संबंधित ग्राम पहुचने के लिए घंटों इंतजार करना पडा साथ ही ग्राम आस पास के  नदी नालों में  तेज बहाव होने के कारण ग्रामों तक नही पहुच पाए और आधे रास्ते से ही उन्हे वापस आना पडा । रास्ते मिले ग्राम जनों ने बताया की इनमें से कई ग्राम घने जंगल के बीच में बसे है. अगर यदि नदी में जल का स्तर ज्यादा है तो लोगों को नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार करना पड़ता है.।
tapu village 6
उपेक्षा का लगाया आरोप 
उक्त ग्रामों के ग्रामीणों ने शासन के उपर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा की वर्तमान सरकार लगातार अपने तीसरे कार्यकाल को पूरा कर रही है लेकिन अभी तक इन ग्रामों में शासन की योजनाएं सुविधांए नही पहुच पा रही है । लागों का कहना है की शासन ने उन्हे उपेक्षित कर दिया है जिसका दंश ग्राम के लोग भोग रहे है ।
इनका कहना है। 
पुष्पेन्द्र राजवाड़े सामाजिक कार्यकर्ता
वनांचल क्षेत्रों में कई दिनों से हो रही बारिश से हालात बदतर हो चुके है । हम लोग वनांचल एवं राज्य के सीमावर्ती ग्रामों का जयजा लेने गए थे परन्तु कई स्थानों पर रास्तों में हुए भूमि के कटाव के साथ पूरा मार्ग कीचड़ में तब्दील होने एवं नालों में जल स्तर ज्यादा होने के कारण कई ग्रामों तक नही पहुच पाए बीच से ही वापस आना पड़ा। वर्तमान समय में तो इन मार्गों पर दो पहिया वाहनों से भी सफर करना खतरे से कम नही
के एस ध्रुव
सी ई ओ सोनहत।
राज्य सीमा से कई ग्रामों में मनरेगा के तहत मिटटी सड़क और जरूरतमंद स्थानों में पुलिया निर्माण गर्मी में ही स्वीकृत किया गया था कई जगहों पर कार्य हुआ भी है लेकिन बारिश से कई जगहों पर परेशानी बढ गई है। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के टीम को भी सतत निगरानी रखने कहा गया है साथ ही ग्राम पंचायत के सचिवों को भी निर्देश दिया गया है की ग्राम के किसी भी व्यक्ति को आपातकालीन परिस्थित अथवा तबियत खराब होने पर वाहन की व्यवस्था करा कर पीएचसी रामगढ अथवा सी एच सी सोनहत तक पहुचाएं ।