जल संसाधन के 4 बडे अफसर भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित

अम्बिकापुर

बलरामपुर जिले में लगातार हो रही बारिश ने आम जन जीवन का प्रभावित करने के साथ ही जलसंसाधन में हुए ,भ्रष्टाचार की कलई भी खोल दी है,, जिले के खुटपाली व्यपवर्तन और कन्हर एनीकट में हुए भ्रष्टाचार का मामला कल विधानसभा में गूंजा ,, तो विभागीय मंत्री नें चार बडे अफसरो की निलंबित कर दिया। गौरतलब है कि पूरा मामला पहली ही बारिश में निर्माणाधीन नहर और एनीकट के बहने से जुडा है..

कन्हर एनीकट,रामानुजगंज
कन्हर एनीकट,रामानुजगंज

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रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने खुटपाली व्यपवर्तन नहर और कन्हर एनीकट के पहली ही बरसात में बह जाने के मामले की जांच पडताल करने के बाद कल मामले को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाया और सदन में काफी देर तक गर्माए रहे इस मुद्दे में जलसंसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दोनो निर्माण कार्य में लगे दो कार्यपालन अभियंता एल.एन.त्यागी और नरेश चंद्र सिंह को निलंबित करने की घोषणा कर दी,, इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री नें निर्माण कार्य में लगे एसडीओ यू.सी.सिंह और उप अभियंता राजेन्द्र भगत को भी निलंबित कर दिया है,, दरअशल बलरामपुर के रामानुजगंज की कन्हर नदी में 5 करोड 59 लाख के एनीकट और जिले में पहाडो के वेस्ट पानी को सैकडो गांवो तक पंहुचाने के लिए 16 करोड 93 लाख की लागत से बनाई जा रही खुटपाली व्यपवर्तन नगर परियोजना पहली बरसात में बह गई,, जिसको लेकर गांव वालो का सीधा आरोप है कि नगर निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नही रखा गया,, जिससे नहर के 66 मीटर का हिस्सा बारिश के पानी के साथ बह गया।

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खुटपाली व्यपवर्तन (नहर) परियोजना

ग्रामीणो का सीधे आरोप अगर गलत होता तो शायद निर्माण अवधि में नहर का इतना बडा हिस्सा ना बहता,, लेकिन उससे उलट 12-13 जुलाई को नहर बहने के बाद विधायक के साथ निरीक्षण करने मौके पर पंहुचे,, विनोद कूजूर नाम के इस एसडीओ नें एक अव्यवहारिक बयान में ये कहा था कि नहर तकनीकी खामियो की वजह से नही बल्कि प्राकृतिक आपदा की वजह से बही है ।

जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ वर्षो में जल संसाधन विभाग के द्वारा प्रदेश में सबसे अधिक फंड बलरामपुर जिले के लिए आबंटित हुआ है । लेकिन ये भी हैरानी की बात है कि नहर और एनीकट बहने का ये कोई पहला मामला नही है,,, इससे पहले भी जिले के लोधा बांध कमीशनखोरी की भेट चढ चुका है,,, बहरहाल इस मामले में चार बडे अधिकारियो को निलबंति कर दिया गया है… लेकिन ये कहना जल्दबाजी होगी कि ये अधिकारी बहुत दिन तक निलंबित रहे… क्योकि इससे पहले जलसंसाधन विभाग के भ्रष्टाचार में निलंबित कोई भी अधिकारी दो एक महीने से ज्यादा निलंबित नही रहा है,,, शायद वो इसलिए क्योकि भ्रष्टाचार करने के लिए निलंबित अधिकारी से ज्यादा योग्य कोई होता नही है………….