इस संवेदनशील कमिश्नर ने स्कूल में खाया मध्यान्ह भोजन..!

कमिश्नर श्री महावर ने असोला और रनपुरखुर्द में की शिक्षा गुणवत्ता की जांच 
पाठ्य-पुस्तक के साथ ही सामान्य ज्ञान पर दिया जोर 
बच्चों की हाजिर जवाबी से कमिष्नर हुए खुष 
अम्बिकापुर
सरगुजा संभाग के कमिश्नर टी.सी. महावर ने  आज प्रदेश व्यापी डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम असोला और रनपुरखुर्द के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा गुणवत्ता की जांच के दौरान विद्यार्थियों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछकर शिक्षा के स्तर की जानकारी प्राप्त की इस दौरान उन्होंने स्कूल में बच्चो के लिए बनने वाला मध्यान्ह भोजन भी खा कर देखा और खाने की गुणवत्ता चेक की,बच्चो  द्वारा बेझिझक प्रश्नों का उत्तर देने की सराहना की और कहा कि षिक्षा के स्तर में भी पहले से काफी सुधार आया है। उन्होंने इस अवसर पर मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बनाये गये चावल-दाल और सब्जी को भी चखकर देखा तथा मध्यान भोजन की गुणवत्ता की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने शौचालयों का भी निरीक्षण किया।
कमिश्नर श्री महावर ने सबसे पहले शासकीय प्राथमिक विद्यालय असोला में चौथी एवं पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों से अंग्रेजी के कुछ शब्द बोलकर एक्शन के साथ बताने कहा जिस पर बच्चों ने अधिकांश शब्दों को एक्शन कर बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से जोड़ना, घटाना, गुणा एवं भाग के सवाल पूछकर और पुस्तक पढ़ाकर पढ़ाई के स्तर की जानकारी प्राप्त की। कमिश्नर ने सबसे छोटे अंक को और बड़े अंक को पहचानने के बारे में भी बच्चों से पूछताछ की तथा घड़ी का चित्र बनाकर समय के बारे में पूछा। उन्होंने इन एवं ऑन और ही एण्ड शी के अन्तर के बारे में भी विद्यार्थियों से पूछताछ की। उन्होंने एक वाक्य का एक शब्द वाला शब्द भी पूछा। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों से देश के प्रधानमंत्री, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और सरगुजा जिले के कलेक्टर का नाम भी पूछा।
कमिश्नर श्री महावर ने विद्यार्थियों से अंग्रेजी में दिन, महीना और रंगों के नाम के बारे में पूछताछ की। उन्होंने बच्चों से पूछा कि कौन से जीव-जन्तु फ्लाई, रन, जम्प करते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय पक्षी का नाम, रंगों के नाम सहित सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे। कमिश्नर ने छोटी इ और बड़ी ई तथा छोटे उ और बड़े ऊ के उच्चारण के अंतर के बारे में बच्चों से पूछा तथा बच्चों द्वारा सही जवाब देने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने ब्लेक बोर्ड पर कुछ वाक्य लिखकर बच्चों से पढ़ाई के स्तर की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही उन्होंने कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों से राष्ट्रपिता के नाम सहित सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे तथा उनके परिवेश में पायी जाने वाली सामाग्रियों और उनके उपयोग के बारे में भी पूछताछ की। कमिश्नर ने कक्षा दूसरी के बच्चों से दो-तीन अक्षर वाले शब्द पढ़ाकर पढ़ाई की स्तर की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही जोड़ कराकर भी बच्चों के ज्ञान के स्तर की परख की। कमिश्नर ने विद्यार्थियों से कविता सुनाने भी कहा इस पर बच्चों ने कविता भी सुनाई। उन्होंने पुस्तक पढ़ाकर भी पढ़ाई की स्तर की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बच्चों से प्रश्न पूछकर व्यक्तित्व परीक्षण और ब्युत्पन्न मति का स्तर भी जाना। कमिश्नर ने तीसरी कक्षा की बालिका साधना से पूछा की पढ़-लिखकर क्या बनना चाहती हो तो उसने कहा कि वह नृत्यांगना बनना चाहती है। कमिश्नर ने साधना की हाजिर जवाबी से बड़े प्रसन्न हुए।
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कमिश्नर श्री महावर ने इसके बाद शासकीय प्राथमिक शाला रनपुरखुर्द में भी पहली से तीसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों से पाठ्य-पुस्तक से संबंधित प्रश्नों के साथ ही सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे। उन्होंने चौथी एवं पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों से भी पुस्तक पढ़ाकर जोड़, घटाव, गुणा-भाग और पहाड़ा भी पूछा। कमिश्नर ने विद्यार्थियों से कहा कि वे प्रश्न को सही ढंग से सुनने के बाद सही उत्तर देवें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे पाठ्य पुस्तक पढ़ाने के साथ ही आसपास के परिवेश में पाये जाने वाले चींजों की उपयोगिता, दिन-प्रतिदिन की क्रियाएं एवं घटनाएं तथा सामान्य ज्ञान के बारे में भी बच्चों को बताएं ताकि शुरू से ही बच्चों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि हो सके और उनका आत्मविश्वास बना रहे। कमिश्नर ने शिक्षक-शिक्षिकाओं से कहा कि वे बच्चों के स्तर को ध्यान में रखकर उन्हें पढ़ाएं और जो बच्चें पढ़ने में कुछ कमजोर हो उन पर विशेष ध्यान देवें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि दिन-प्रतिदिन की प्रमुख समाचारों को ब्लेक बोर्ड पर भी लिखे जिससे विद्यार्थियों के सामान्य ज्ञान में बढ़ोतरी हो। शिक्षा गुणवत्ता की जांच करने पहुचे कमिश्नर यही नहीं रुके उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता की जांच के बाद स्कूल में छात्रो को खिलाया जाने वाला मध्यान्ह भोजन भी खुद खाया और उसकी गुणवत्ता भी परखी।