आजादी के 70 वर्ष बाद इस गाँव ने देखी बिजली कैसी होती है…

बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) प्रदेश की रमन सरकार एक ओर अपने चौदह वर्ष के कार्यकाल की वर्षगांठ मना रही है, तो वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसे बलरामपुर जिले में राज्य की रमन सरकार ने नई इबारत लिख दी है, और हुआ यूं की इस जिले के जोकापाठ का हर घर आजादी के 7 दशक बाद रौशनी से गुलजार हो उठा है।

जिले के शंकरगढ़ विकासखण्ड की पहाड़ियों पर ग्राम जोकापाठ बसा हुआ है, जो पहाड़ी कोरवा जनजाति बाहुल्य है, जहाँ कभी ग्रामीण लाल आतंक की आमद रफ्त से परेशान हुआ करते थे, गाँव मे विकास के नाम पर गिने-चुने विकास कार्य दिख जाया करते थे, लेकिन प्रदेश की रमन सरकार और जिला प्रशासन की मेहनत से ,इस गाँव की तस्वीर बदलने लगी है, पहले कभी जोकापाठ के ग्रामीण बिजली देखने शंकरगढ़ जाया करते थे, पर अब ऐसा नही है।

आजादी के 7 दशक बाद पहुँची बिजली..

देश को अंग्रेजो के हुकूमत से आजाद हुए 7 दशक बीत चुके है,और देश की प्रजा तांत्रिक व्यवस्था से गाँवो का देश कहा जाने वाला भारत अब नई इतिहास लिखने के पथ पर अग्रसर है,यही नही इसी का परिणाम है कि बीहड़ पहाड़ियों और वनांचल को चीरते हुए अब जोकापाठ का हर घर बिजली की रौशनी से गुलजार हो उठा है, यहाँ के ग्रामीण अब समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे है।

लोक सुराज में पहुँचे थे – रमन,और दे दी सौगात..

दरसल शंकरगढ़ ब्लाक के इस वनांचल में साल 2017 के तपती गर्मी में लोक सुराज अभियान के दौरान सूबे के मुखिया का उड़न खटोला जोकापाठ में उतरा था,जोकापाठ ने सुर्खियां उस समय बटोरी जब डॉक्टर मुखिया ने एक मजदूर की ही तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे एक हितग्राही के मकान की नींव रखी थी,उस दौरान सूबे के डॉक्टर मुखिया ने चौपाल भी लगाई थी,और ग्रामीणों की समस्याओ का खुद डॉक्टर साहब ने निराकरण किया था,ग्रामीण राज्य के मुखिया से मुखातिब थे,उन्होंने मांग की थी ,की उनके गाँव मे भी बिजली की जाल बिछाई जाए ,तब मुख्यमंत्री ने मौके पर जोकापाठ में विद्युतीकरण की घोषणा की थी।

सरप्लस बिजली का ले रहे है ,लाभ

ग्राम पंचायत जोकापाठ में स्कूल तो थे पर स्कूली बच्चों को घर मे होमवर्क करने समस्याओं से दो चार होना पड़ता था,आग की रौशनी में जितना बन सके उतनी ही पढ़ाई हो पाती थी,पर अब सरप्लस बिजली के कमाल ने इन स्कूली बच्चों को शिक्षा से जोड़कर रखा है,और अब बच्चे बिजली की सराबोर रौशनी से अपना भविष्य गढ़ने लगे है।

कलेक्टर की कार्यक्षमता हुई,परिलक्षित
मुख्यमंत्री की घोषणा पर तत्काल अमल करते हुए जिले के युवा कलेक्टर अवनीश शरण ने कोई कोर कसर ना छोड़ते हुए ,अपने मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को जोकापाठ को सरप्लस बिजली से जगमगाने के आदेश दिए ,जिसके बाद राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत गाँव मे आजादी के बाद बिजली पहुँच सकी, जोकापाठ की आबादी लगभग 2200 के करीब है।