अब नये सहायक प्राध्यापक तीन साल के लिए आदिवासी क्षेत्रों में पदस्थ होंगे

रायपुर 14 अक्टूबर 2014

  • मुख्यमंत्री ने की उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा
  • सभी कॉलेजों में प्राचार्य, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक 
  • सवेरे 10.30 से शाम 5.30 तक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित की गयी। डॉ. सिंह ने विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अब सहायक प्राध्यापकों के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को सबसे पहले आदिवासी क्षेत्रों में तीन वर्ष के लिए पदस्थ किया जाए। मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रदेश के सभी सहायक प्राध्यापकों और प्राध्यापकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जरूरत पर भी बल दिया। विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित काम-काज और उपलब्धियों का प्रस्तुतिकरण दिया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जतायी कि राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में शिक्षा सत्र 2012-13 की तुलना में विगत शिक्षा सत्र 2013-14 में छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या में लगभग 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सत्र 2013-14 में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में दर्ज संख्या लगभग एक लाख 45 हजार रिकार्ड की गयी। सरकारी कॉलेजों में वर्ष 2013-14 में तीन हजार 729 सीटों की और अशासकीय कॉलेजों में 110 सीटों की वृद्धि हुई। इस दौरान राज्य में 26 नये शासकीय कॉलेज और तीन नये अशासकीय कॉलेज खोले गए। विभिन्न सरकारी कॉलेजों में 33 नये विषय और संकाय शुरू किए गए। डॉ. रमन सिंह ने इस बात पर भी खुशी जतायी कि राज्य सरकार की घोषणा के अनुरूप उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक कक्षाओं तक बालिकाओं की निःशुल्क शिक्षा का आदेश जारी कर दिया है।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कॉलेजों में प्राचार्य सहित प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों को प्रत्येक अध्यापन कार्य दिवस में शासन द्वारा निर्धारित समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा और पूरे समय अपनी ड्यूटी करनी होगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है, जिसका गंभीरता से पालन होना चाहिए। शासकीय कॉलेजों के निरीक्षण के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने उड़नदस्ते का भी गठन किया है। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को राज्य के चिन्हांकित प्रमुख कॉलेजों को वाई-फाई नेटवर्क से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अनुदान प्राप्त कॉलेजों में भी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति देने के बारे में पूरी संवेदनाशीलता से विचार किया जाना चाहिए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जिन कॉलेजों में पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी नहीं हैं, और जहां फेकल्टी ज्यादा है, ऐसे कॉलेजों का युक्तिकरण किया जाए। उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए बालिकाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इसके लिए राज्य के प्रमुख शहरों में छात्रावास भी संचालित किए जायें। जिन कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है, उन कॉलेजों में दो पालियों में कक्षाएं संचालित करने के बारे में आवश्यक कदम उठाए जाएं। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत दो हजार 377 करोड़ रूपए की कार्ययोजना राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अनुमोदन के बाद केन्द्र सरकार को भेजी गयी है। मुख्यमंत्री ने इस कार्य योजना के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तृत विचार विमर्श किया। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री शिवराज सिंह, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री डी.एस. मिश्रा, गृह तथा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन.के. असवाल, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. बी.एल. अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।