अधिकारी जनता व जनप्रतिनिधियों के साथ शिष्टाचार से आएं पेश : महापौर

अम्बिकापुर- नगर निगम में जनप्रतिनिधियों और जनता से दुर्व्यवहार की बातें सामने आ रही है। हालात यह है कि निर्वाचित पार्षदों को भी अधिकारी व कर्मचारी अपने कमरे में चाय पानी तो दूर की बात है बैठने के लिए भी नही पूछते। अधिकारियों के इस बर्ताव को लेकर आज एमआईसी की बैठक में जनप्रतिनिधियों के गुस्सा फूट पड़ा। जन प्रतिनिधियों ने कहा कि अधिकारी शिष्टाचार तक भूल गए है और जब निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से रूखा व्यवहार कर रहे है तो आम जनता से वे किस तरह पेश आते होंगे। इस पर महापौर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों को अपने बर्ताव में सुधार लाना होगा अन्यथा भविष्य में स्थिति बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सोमवार के सभी अधिकारियों को जनता के लिए कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य है परंतु इस नियम का भी पालन नही हो रहा है।
आज एमआईसी की बैठक के दौरान पार्षदों ने बताया कि ननि के अधिकारी हो या कर्मचारी जनप्रतिनिधियों व जनता के साथ सही बर्ताव नहीं कर रहे है। यदि कोई पार्षद अधिकारी के चेम्बर में जा भी रहा है तो उसे बैठने तक के लिए नही पूछा जाता है। यह सुनते ही महापौर डॉ. अजय तिर्की भी भड़क उठे। उन्होंने कहा कि यह बार बार अधिकारियों व कर्मचारियों को समझाइस दी जा रही है। किसी को बैठने के लिए पूछना शिष्टाचार की श्रेणी में आता है। अधिकारियों  का रैवैया जनता व जन प्रतिनिधियों के प्रति रूखा है। पार्षद नुरुल अमीन सिद्दीकी ने कहा कि पार्षद अधिकारी के केबिन में खड़ा है और कोई बात करने को भी तैयार नही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो हम जनप्रतिनिधि है भविष्य में हम आम नागरिक होंगे और अगर उस वक्त ऐसा होगा तो उनको पटक कर कूचेंगे। डिप्टी मेयर व एमआईसी सदस्य अजय अग्रवाल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अधिकारी के पास आता है तो उसके साथ अधिकारी का व्यवहार सम्मान जनक हो अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। लंबे समय तक चली बहस के बाद महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि नगर निगम कस अधिकारी से लेकर प्लेसमेंट का कर्मचारी ननि में आने वाले हर व्यक्ति व जनप्रतिनिधि को सम्मान दें व उनके साथ शिष्टाचार से पेश आए अगर भविष्य में पुनः ऐसी शिकायत आती है तो हम उनके केबिन में जाकर उन्हें शिष्टाचार सिखाएंगे और किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति के लिए अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि ननि में नोटिश बोर्ड पर वे जगह जगह यह जानकारी चस्पा की जाए कि सोमवार को हर अधिकारी जनता की समस्याओं को सुनने के लिए कार्यालय में उपस्थित रहेगा अन्यथा उसपर कार्रवाई की जाएगी चाहे इसके लिए राज्य स्तर तक ही क्यों ना हमें जाना पड़े।