25 घंटे बंद कमरे में लाश के साथ रहे मरीज

  • आरएमओ ने मरच्युरी से शव को वापस मंगवाकर वार्ड में रखा

अम्बिकापुर (दीपक सराठे)

अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज की मान्यता मिलने के बाद भी उसकी स्थिति सुधर नहीं सकी है। बल्कि यह कहा जाये कि मान्यता के बाद अस्पताल में अव्यवस्था और ज्यादा बढ़ गई है। अस्पताल के जेल वार्ड में गुरूवार की दोपहर एक बजे से एक बंदी की मौत होने के बाद भी आज दूसरे दिन दोपहर 12 बजे तक शव उसी वार्ड में पड़ा रहा। बंद कमरे में लाश के साथ अन्य बंदी भी वार्ड में मौजूद थे।

गौरतलब है कि जिला अस्पताल के जेल वार्ड में बंदियों को दाखिल करने के लिये शुरू से ही व्यवस्था नाकाफी है। चार बिस्तर के इस वार्ड में अकसर 10-10 बंदियों को भेड़-बकरियों की तरह भरकर उपचार किया जाता है। जानकारी के अनुसार सूरजपुर जिले के चांदनी थाना ग्राम कोल्हुआ निवासी किशुन राम उर्फ कृष्णा पिता गिरधारी पंडो उम्र 35 वर्ष को हत्या के मामले में वर्ष 2007 को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई थी। 29 अप्रैल 2007 को उसे सूरजपुर उप जेल से स्थानांतरित कर केंद्रीय जेल में प्रविष्ट किया गया था। 22 जून को उसकी तबियत खराब होने के कारण जिला अस्पताल के जेल वार्ड में दाखिल किया गया था। 23 जून की दोपहर 1 बजे उसकी मौत हो गई। मौत के बाद उसके शव को मरच्युरी में रखवा दिया गया था, परंतु उनके परिजन के नहीं पहुंचने के कारण आरएमओ ने मरच्युरी से शव को वापस निकलवाकर जेल वार्ड में अन्य मरीजों के साथ रखवा दिया। आरएमओ का कहना था कि मरच्युरी में चूहों का आतंक है, कहीं शव को चूहे कुतर न लें। मामला चाहे जो भी हो, लाश के साथ जेल वार्ड में अन्य मरीजों को पूरी रात व आज आधा दिन रहना पड़ा।