PLFI गिरोह का अंतिम नक्सली गिरफ्तार… सीतारामपुर पाठ से हुई गिरफ्तारी

  • पीएलएफआई का ईनामी नक्सली गिरफ्तार
  • 315 बोर रायफल, 7 नग 315 बोर, 14 नग 12 बोर के जिन्दा कारतूस बरामद
  • पीएलएफआई दस्ता का हुआ सफाया-आईजी

अम्बिकापुर

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। बलरामपुर एसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पीएलएफआई दस्ते के एक ईनामी नक्सली को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार नक्सली के पास से कंट्री मेड 315 बोर की एक रायफल व 7 नग 315 बोर, 14 नग 12 बोर के जिन्दा कारतूस भी बरामद किये गये हैं। गिरफ्तार नक्सली को लेकर आईजी हिमांशु गुप्ता ने कहा है कि इस नक्सली की गिरफ्तार के बाद अब पीएलएफआई दस्ते का पूरी तरह से सफाया हो चुका है। हालांकि बलरामपुर एसपी सदानंद कुमार की मानें तो बलरामपुर-रामानुजगंज व झारखण्ड के बीच सरहदी क्षेत्र पुंदाग में झारखण्ड के कुछ नक्सली दस्तों की सक्रियता कभी कभार देखी जाती है लेकिन पुलिस उनके किसी भी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी।

गिरफ्तार नक्सली के मामले में आज आईजी हिमांशु गुप्ता, बलरामपुर एसपी सदानंद कुमार ने सरगुजा रेंज मुख्यालय अम्बिकापुर के पुलिस कॉडिनेशन सेंटर में खुलासा करते हुये बताया कि पीएलएफआई व बोखा दस्ते के नक्सली सुजित कुमार नागे उर्फ शिवलाल उर्फ गोलीमार उर्फ राजकुमार की सक्रियता कुछ दिनों से बलरामपुर जिले के चांदो, कंदरी, जरियों, चटनिया, बसकेती, भेदमी, पस्ता, सीतारामपुर, कंडापुटसू, झालरिया, बठौरा,  परती, जोकापाट, आसनपानी, लहसूनपाट, चलगली, शंकरगढ़ में सुनने को मिल रही थी। सुजित कुमार अपने संगठन के लिये इस इलाके में काम करते हुये संगठन को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से आया हुआ था। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश व IG_SURGUJAमार्गदर्शन पर थाना राजपुर किशोर केवट के नेतृत्व में टीम गठित कर पीएसआई प्रीयेश जोन, मनीष यादव, त्रिलोक प्रधान, एएसआई गोपाल राम, प्रधान आरक्षक जोगेंद्र जायसवाल, शशि शेखर तिवारी, संतोष तिवारी, अरविंद शर्मा, पंकज पोर्ते, सीएएफ जवान सत्यदेव दुबे, राजकुमार यादव को शामिल करते हुये योजनाबद्ध तरीके से सीतारामपुर पाठ के जंगल की घेराबंदी की गई। वहां से सुजित कुमार उर्फ गोलीमार को हथियार व जिन्दा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। हार्डकोर सुजित कुमार नागे के संबंध में पुलिस ने जानकारी देते हुये बताया कि यह पीएलएफआई संगठन जिला बलरामपुर में सक्रिय बोखा प्रजापति का आखिरी सदस्य होना पाया गया है। उक्त हार्डकोर नक्सली ने विभिन्न अपराधों को कारित करने में शामिल होना स्वीकार किया है। उसके आक्रमक एवं हिंसक प्रवृत्ति के कारण संगठन में उसे गोलीमार नाम दिया गया था। जिसकी गिरफ्तारी के साथ ही यह माना जा सकता है कि जिला बलरामपुर सामरी क्षेत्र में बोखा दस्ता का सफाया हो गया है।

गौरतलब है कि भारतीय कम्युनिष्ठ पार्टी माओवादी संगठन में आपसी संघर्ष के कारण सशस्त्र सदस्य मंगल नगेशिया एवं दिनेश गोप ने अपने अन्य सशस्त्र साथियों के साथ झारखण्ड के गुमला, सिमडेगा एवं लातेहार तथा छत्तीसगढ़ के जशपुर, बलरामपुर सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में सक्रिय होते हुये अपने दस्ते का नाम पीएलएफआई दिया। कुछ समय बाद दस्ता का संस्थापक मंगल नगेसिया के पुलिस मुठभेड में मारे जाने के बाद इस दस्ते की कमान दिनेश संभालने लगा था। गत 2011 में नक्सली बोखा प्रजापति अपने साथियों के साथ इस दस्ते में दिनेश के संपर्क में आया और इस दस्ते में बोखा प्रजापति को एरिया कमांडर बना दिया गया था। गत 2013 में बोखा दस्ते के 6 सदस्यों को बलरामपुर पुलिस ने सशस्त्र पकड़ा था। वर्ष 2014 में इसी दस्ते के 14 सदस्यों को पकड़ा गया था। नवम्बर 2015 में बोखा के आत्मसमर्पण करने के बाद मार्च 2016 में एरिया कमांडर लरूआराम उर्फ बारूद को गिरफ्तार किया गया। बोखा के आत्मसमर्पण के बाद संगठन में एक मात्र फरार नक्सली सुजित ही बचा था जिसकी आज गिरफ्तारी के बाद से आईजी ने यह कहा कि अब बोखा दस्ते का सफाया पूरी तरह से कर दिया गया है।

इन-इन घटनाओं में था शामिल

  1. ग्राम कोटली रनटोवा जंगल में दो मवेशी व्यापारियों की हत्या।
  2. ग्राम लहसून पाट मे पुलिस पार्टी के ऊपर गोली बारी।
  3. ग्राम लहसूनपाट में हिन्दुस्तान बस में लूटपाट।
  4. ग्राम बांडी चलगली में सरपंच को जान से मारने की धमकी देकर 5लाख रूपये की फिरौती मांगना।
  5. ग्राम सीतारामपुर पाट में मंगल साय से फिरौती मांगना।
  6. बुर्जुडीह साप्ताहिक बाजार में व्यापारी को गोलीमार कर लूटपाट करना।
  7. 26 जनवरी एसआईबी की टीम पर गोलीबारी करना।
  8. ग्राम आसनपानी में पुलिस पार्टी पर गोलीबारी करना।