मिशन 2024 : कांग्रेस ने हारे प्रत्याशी पर लगाया दांव…तो बीजेपी ने पूर्व सरपंच को दिया टिकट…फैसला अब जनता के हाथ…जांजगीर चांपा लोकसभा से शिव डहरिया और श्रीमति कमलेश जांगड़े के बीच मुकाबला…

@संजय यादव
जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ के एकमात्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित जांजगीर चांपा सीट अब रोमांचक हो गया है। जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने डॉ. शिव कुमार डहरिया को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इनका सामना भाजपा प्रत्याशी श्री मति कमलेश जांगड़े के साथ होगा। दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच अब कांटे की टक्कर होगी। बता दें कि डॉ. शिव कुमार डहरिया ने जांजगीर चांपा लोकसभा से एक बार चुनाव हार चुके हैं.फिर से कांग्रेस पार्टी ने उसे लोकसभा में मैदान में उतारा हैं. तो भाजपा प्रत्याशी श्रीमती कमलेश जांगड़े पूर्व सरपंच रह चुकी हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट काफी अहम माना जा रहा है। साल 2009 और 2014 में दो बार भाजपा से कमला देवी पाटले सांसद रह चुकी है। वर्तमान में इस सीट से भाजपा के गुहाराम अजगले सांसद हैं। 2009 में कांग्रेस से डॉ. शिव कुमार डहरिया ने यहां से चुनाव लड़ा था, जिसमें 2 लाख 14 हजार 931 वोट मिले थे। इसमें उन्हें हार का सामान करना पड़ा था। भाजपा प्रत्याशी रहे कमला देवी पाटले ने जीत दर्ज की थी।

साल 2014 में कांग्रेस ने प्रेम चंद जायसी को तो बीजेपी ने फिर से कमला देवी पाटले को चुनाव मैदान में उतारा था। इसमें कमला देवी पाटले ने 5 लाख से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी। इस तरह से 2014 में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।

साल 2019 लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी से रवि भारद्वाज और भाजपा पार्टी से गुहाराम अजगले चुनाव मैदान में थे, जिसमे कांग्रेस से रवि भारद्वाज को 4 लाख 89 हजार 535 वोट मिले और भाजपा प्रत्याशी गुहाराम अजगले को 5 लाख 72 हजार 790 वोट मिला था। फिर से कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पडा था।

दोनों उम्मीदवारों में रहेगी कांटे की टक्कर…

इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। क्योंकि भाजपा पार्टी ने पुराने चेहरे में फेरबदल किया है। इस बार नए चेहरे के रूप में कमलेश जांगड़े को चुनाव मैदान में उतारा है। तो कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को टिकट दी है। यदि विधानसभा की बात करें तो जांजगीर-चांपा लोकसभा में 8 विधानसभा आते हैं जिसमें कांग्रेस के विधायक हैं। इस नजर से देखे तो कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को इसका लाभ मिला सकता है। वहीं भाजपा के एक भी विधायक आठ विधानसभा में नहीं हैं। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी कमलेश जांगड़े को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। वर्तमान में भाजपा सांसद गुहाराम अजगले की क्षेत्र में सक्रिय नहीं होना एक बड़ा कारण हो सकता है। यह तक की बात है की भाजपा के कार्यकर्ता भी सांसद के कामकाज से संतुष्ट नहीं है।