धान खरीदी केंद्रों में निगरानी समिति के नाम पर जनप्रतिनिधियों की अवैध वसूली… छुटभैया नेताओं से केंद्र प्रभारी परेशान.. रोजाना हो रहा केंद्र से वाद-विवाद…

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने किसानो का समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसंबर से शुरू कर दी है। वही किसानों को धान बेचने मे किसी प्रकार की परेशानी न आये इसके लिए निगरानी समिति बनाया गया है, जो किसानो की किसी प्रकार की धान खरीदी मे हो रहे गड़गड़ी को निगरानी करेगें। लेकिन जिले के इन निगरानी समिति के सदस्यो से धान उपार्जन केन्द्र के प्रभारी खासे परेशान नजर आ रहे हैं धान खरीदी केन्द्र प्रभारीयों का कहना हैं कि कुछ छुटभैया नेताओं द्वारा उन्हे परेशान किया जा रहा हैं. धान खरीदी केन्द्रों मे आकर जबरन किसानों को परेशानी बताते हुए झुठे आरोप लगाया जा रहा हैं।

वहीं किसानों की तौल मे गड़बड़ी बता कर पैसे की मांग की जा रही हैं नही देने पर उच्च अधिकारीयों से शिकायत करने की बात की जाती है। इस प्रकार जिले मे इन दिनो धान खरीदी केन्द्र प्रभारी और छुट भैया नेताओं के बीच रोज वाद विवाद हो रहा हैं। प्रभारीयों का कहना है कभी -कभी किसानो से टोकन जल्दी कटवाने का दबाव बनाया जाता हैं तो कभी चाय पानी के लिए खर्चा की बात की जाती हैं। राज्य सरकार ने जिस मंशा से राज्य कि प्रत्येक जिले मे निगरानी समिति बनाई है उसका उपयोग लोग गलत तरीके से कर रहे है. अपने नेतागिरी का धौंस दिखा जबरन केन्द्र प्रभारी को परेशान किया जा रहा है।