BREAKING: कांग्रेस चुनाव समिति ने करीब चार घंटे तक चले मंथन के बाद 30 सीटों पर सिंगल नाम …बची 60 सीटों में पैनल बनाए गए…

 

रायपुर। कांग्रेस चुनाव समिति ने करीब चार घंटे तक चले मंथन के बाद प्रदेश की सभी 90 सीटों पर दावेदारी लगभग फाइनल कर ली है। आधा दर्जन सीटों पर दावेदारों को लेकर नेताओं में विवाद की स्थिति भी बनी है। पता चला है कि चुनाव समिति ने 30 सीटों पर सिंगल नाम की अनुशंसा की है। बची हुई 60 सीटों में पैनल बनाए गए हैं। इनमें से 25 सीटों के पैनल में दो दावेदार हैं। बाकी में 3 से 5 नामों का पैनल भी है। राजधानी के राजीव भवन में कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई। सूत्रों के मुताबिक क्रमवार चर्चा के बजाय उन सीटों पर नाम पहले फाइनल किए गए, जिनमें विवाद नहीं है। ऐसी 30 सीटें हैं, जिनमें समिति ने सर्वसम्मति के एक-एक नाम फाइनल कर दिए गए हैं। इसके बाद ऐसी सीटों पर चर्चा शुरू हुई, जहां दावेदार ज्यादा हैं। समिति में हर सीट के लिए दावेदारों के नाम पढ़कर सुनाए गए और उन पर चर्चा भी हुई। इसी दौरान कुछ सीटों के नामों को लेकर समिति के सदस्यों में थोड़ी असहमति भी नजर आई। तय हुआ कि पैनल में भी समिति के सभी सदस्य जिनके नामों पर सहमत होंगे, उन्हीं के नाम शामिल किए जाएंगे। करीब चार घंटे चली बैठक में ये पैनल भी तय कर लिए गए। सूत्रों के अनुसार स्क्रीनिंग के बाद भी राज्य से सूची दिल्ली भेजने से पहले चार प्रमुख नेताओं के मंथन से गुजरेगी। इन नेताओं में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भुवनेश्वर कलीता के अलावा प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव शामिल हैं। शुक्रवार को हुई चुनाव समिति की बैठक में इनमें से कलीता को छोड़कर बाकी नेता शामिल हुए। बैठक में वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, सांसद ताम्रध्वज साहू और छाया वर्मा, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, सचिव चंदन यादव, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, अभियान समिति प्रमुख डा. चरणदास महंत, रविंद्र चैबे, सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, रामदयाल उइके और फूलोदेवी नेताम के अलावा पदेन सदस्य के रूप में पार्टी के सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों के अध्यक्ष उपस्थित थे। प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष उमेश पटेल अस्वस्थ होने के कारण बैठक में नहीं आए। चुनाव समिति की बैठक में उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब वहां मौजूद एक वरिष्ठ नेता ने समिति से सदस्यों को नसीहत दी कि वे जिनके नाम की सिफारिश कर रहे हैं, अगर उन्हें टिकट मिला तो उनकी जीत की गारंटी भी लेनी होगी। दरअसल पैनल तय करते हुए सदस्य कई सीटों पर अपनी पसंद के नामों का उल्लेख करने लगे, तब वरिष्ठ नेता ने कहा कि कई बार समर्थकों को खुश करने के लिए पैनल में नाम जोड़वा दिया जाता है। बाद में पैनल में आए इसी तरह के लोगों को अगर टिकट मिल गई तो वे काफी कमजोर साबित होते हैं। सूत्रों के अनुसार इस नसीहत के बाद कई नेताओं ने अपने समर्थकों के नाम पैनल में जोड़ने की वकालत ही नहीं की।

पहली सूची तीसरे हफ्ते में …..

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में कांग्रेस की पहली सूची जारी हो जाएगी। यह वही सूची होगी जिनमें सिंगल नाम हैं या फिर जिन सीटों में ज्यादा खींचतान नहीं है। इसके बाद दूसरी सूची सितंबर अंतिम सप्ताह या फिर अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी की जाएगी।