बिग ब्रेकिंग : न्यूवोको सीमेंट प्लांट आरसमेटा ख़रीदी बिक्री में जांच शुरू… स्टांप शुल्क का बड़ा घोटाला आया सामने…. कलेक्टर ने कंपनी से मांगे खरीदी बिक्री के दस्तावेज… कहा- 7 दिन के अंदर देवे जवाब.. आदिवासियों की भी जमीन की हुई है खरीदी..

● संजय यादव

जांजगीर-चांपा। जिले में स्थापित न्यूवोको आरसमेटा सीमेंट प्लांट की समस्या बढ़ती नजर आ रही है। पहले रेमण्ड सीमेंट कंपनी  ने बिना रजिस्ट्री सीमेंट प्लांट न्यूको कंपनी को  बेच दी । रजिस्ट्री नहीं होने पर सरकार को राजस्व की हानि तो हुई, वही तत्कालीन जिला रजिस्टार अधिकारी ने बिना मूल दस्तावेज देखे यानी प्लांट की सेल रजिस्ट्री का पेपर देखें 164 हेक्टेयर की माइनिंग लीज मात्र 1 हजार के स्टांप में न्यूको कंपनी के हवाले कर दी। बड़ा खुलासा के बाद अब जांजगीर चांपा जिला के कलेक्टर ने प्लांट की खरीद बिक्री से लेकर खदानों के दस्तावेज खंगालना शुरू कर दिया है।

सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक न्यूवोको प्लांट के खरीदी में बड़ा घोटाला कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई गई है। साथ ही आदिवासियों की प्रतिबंधित जमीन को भी खरीद कर खदान बनाने की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। कलेक्टर ने न्यू वोको प्लांट प्रबंधन को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब तलब किया है।

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जिले के एक मात्र सीमेंट प्लांट रेमंड की बिक्री पहले लाफार्ज को किया गया और अब लाफार्ज से न्यू वोको आरसमेटा प्लांट को बेचा गया। बिक्री के बाद से न्यूवोको प्रबंधन प्लांट को संचालित कर रहा है, लेकिन पुराने शिकायतों की जांच के दौरान कलेक्टर को प्लांट के बिक्री में कुछ खामियां नजर आई है। जिसमे प्लांट लाफार्ज से न्यूवोको के नाम प्लांट के सभी दस्तावेज को जिला पंजीयक कार्यालय से मांग कर परीक्षण कराया है। जिला पंजीयक अमित कौशिक ने बताया की न्यूवोको की जमीन संबंधी दस्तावेज दे दी गई है। आगे क्या कमी है उसका जांच किया जा रहा है। जिसमे अब तक लाफार्ज से न्यूवोको के नाम कंपनी खरीदी की गई है लेकिन जमीन के दस्तावेज और खदान के दस्तावेज अभी भी लाफार्ज के नाम पर है।

वही आरसमेटा गांव के आदिवासी किसानों की जमीन को औने पौने दाम कर खरीद बिक्री की है। कलेक्टर ने मामले की जानकारी शासन को दी है और न्यू वोको प्लांट प्रबंधन को नोटिस जारी कर 7 दिनों में जवाब मांगा है। आरसमेटा के सरपंच ने कहा प्रबंधन की मनमानी जारी। सरपंच शशिकांत भगत ने बताया की आरसमेटा गांव में रेमंड की स्थापना से हो ग्रामीणों का शोषण किया है। गांव की सभी जाति समुदाय के लोगो को जमीन खरीदी की गई जिसने आदिवासी किसानों की जमीन भी औने पौने दाम में खरीदी की गई। धीरे धीरे आरसमेटा गांव की जमीन में कब्जा कर लिया और खदान में ब्लास्टिंग कर पत्थर निकाला जाता है। इस ब्लास्टिंग से घर में दरार आ जाते है। इसकी सूचना देने के बाद भी कोई कारवाई नहीं होती।