एक जांच ऐसा भी.. जिसमें आरोपित को ही नही मिला पक्ष रखने का मौका… और कागजो में हो गई जांच कम्प्लीट!.

बलरामपुर.. (कृष्णमोहन कुमार)..आपने ग्राम पंचायतों में शासकीय राशि के दुरुपयोग और शासकीय राशि के गबन के कई किस्से सुने और देखे तो होंगे..और उन किस्सों में जांच शब्द भी जरूर आया होगा..कई गबन के मामलों में तो हुई कार्यवाही से भी बखूबी परिचित होंगे..लेकिन बलरामपुर जिले के एक पंचायत से ऐसा किस्सा निकलकर आया है..जहाँ शिकायत के बाद जांच करने पहुँची टीम ने अपने हिटलर शाही होने परिचय दिया है..ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम शिकायतों का ठीकरा पंचायत के सचिव के सर फोड़ा गया..लेकिन पंचायत सचिव की सफाई ही नही ली गई..अब वह जांच खुद जांच के घेरे में है!..

दरअसल जिले के कुसमी ब्लाक में एक ग्राम पंचायत है चांदो..जहाँ मूलभूत के पैसों समेत तमाम मदो के पैसे में हेरफेर का आरोप पंचायत के सचिव फुलेश्वर तिर्की पर लग रहे थे..और इस बाबत समाचार पत्रों में शोसल मीडिया में खबरे की भी प्रकाशित हुई थी..इतना ही नही ग्रामीणों ने तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर जनपद पंचायत तक मे तहरीर दी थी..फिर हुआ वही जो अक्सर होता आया है..”जाँच” जनपद पंचायत से एक जांच टीम बनाई गई ..और जांच टीम गांव पहुँची थी..जिस दरम्यान गांव में जांच टीम मौजूद थी..उस दौरान ग्राम पंचायत का सचिव छुट्टी पर था..सो जांच टीम ने अपनी कागजी कार्यवाही सम्पन्न करते हुए..सचिव को कसूरवार ठहरा दिया..लेकिन सचिव को पक्ष रखने तक का मौका भी नही दिया गया..

ग्राम पंचायत चांदो के सचिव मुताबिक जितने भी आरोप उस पर लगे..कम से कम एक मौका तो उसे अपनी बात रखने को मिलना ही था..लेकिन उसे मौका नही दिया गया..और अब सचिव मानसिक प्रताड़ना का दंश का झेल रहा है..

बता दे कि पंचायत सचिव पर शासकीय राशि गबन करने का आरोप है..लेकिन सचिव के पास तमाम कागजात मौजूद है..जो सचिव के कार्यशैली का गवाही दे रहे है..इधर जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी अब सचिव को अपना पक्ष रखने का मौका देने की बात कह रहे है..