74.58 लाख की छात्रवृत्ति के घोटालेबाज अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज…

 

१३ स्कूल संचालक, प्राचार्य और एक दर्जन नोडल अफसरों पर भी एफआईआर
जांजगीर-चांपा। बलौदा ब्लाक के दर्जनों स्कूल संचालकों द्वारा स्कॉलरशिप के नाम पर ७४.५८ लाख रुपए का बंदरवाट करने वाले १३ स्कूल संचालक, आधा दर्जन नोडल अफसर व प्राचार्य के खिलाफ बलौदा थाने में एफआईआर किया गया है। इतना ही नहीं पुलिस ने तत्कालीन सहायक संचालक आदिम जाति कल्याण विभाग के खिलाफ भी जुर्म दर्ज किया गया है। ५ फरवरी को तत्कालीन आयुक्त बीके राजपूत ने बलौदा थाने में एफआईआर के लिए कागजात पेश किया था। बलौदा ब्लाक के १३ स्कूलों ने छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा खेल किया गया था। इसकी जांच के लिए कैग की टीम जांच कार्रवाई के लिए जांजगीर आई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट अजाक अफसर को सौंपी थी। मामले की फाइल बलौदा थाने में सौंप दी थी। छह महीने जांच के बाद बलौदा पुलिस ने मामले की जांच कर स्कूल संचालक व अफसरों के खिलाफ चारसौबीसी का मामला दर्ज किया है।
वर्ष १५-१६ जिले में बलौदा ब्लाक के लेवाई, पनोरापारा, कुरमा, बगडबरी, खिसोरा, उदयपुर, अंगारखार, डोंगरी, पोंच, मिलभांठा सहित १३ स्कूलों में करोड़ो रुपए का स्कॉलरशिप घोटाला हुआ था। घोटाले में सबसे अधिक निजी स्कूल संचालकों का हाथ था। कई ऐसे स्कूलों के नाम से लाखों रुपए का स्कॉलरशिप निकाला गया था जिस नाम से स्कूल ही संचालित नहीं है। कई स्कूलों में दर्ज संख्या से अधिक की राशि का आहरण किया गया था। कई मामले ऐसे थे जिसमें विभागीय कर्मचारी ही चारसौबीसी के आरोप में जेल भी गए थे। इसके बाद भी बंदरबाट नहीं थमा था। आसपास के ग्रामीणों ने मामले की शिकायत राज्य शासन से की थी। राज्य शासन के महालेखागार (लेखा एवं परीक्षा ) की टीम ने मामले को गंभीरता से लिया था। इसके बाद अक्टूबर, नवंबर माह में ऐसे दागी स्कूलों की जांच की थी। जांच के बाद छात्रवृत्ति के वितरण में गंभीर अनियमितता पाई थी। महालेखागार रायपुर के आडिट दल द्वारा लगाई गई आपत्ति की सत्यता प्रमाणित पाई गई थी। उपरोक्त अशासकीय संस्था प्रमुख एवं संबंधित नोडल अधिकारियों की मिलीभगत से लगभग ७४ लाख ५८ हजार रुपए शासकीस राशि की हेराफेरी की गई थी। उक्त कृत्य के लिए संबंधितों के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज कराने सहायक आयुक्त बीके राजपूत ने ३ फरवरी को बलौदा थाना को लिखित आवेदन दिया था। छह माह चली जांच के बाद एसपी नीतु कमल ने आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गुरुवार को बलौदा पुलिस ने तत्कालीन सहायक आयुक्त, १३ स्कूल संचालक, सात नोडल अधिका व इतने ही प्राचार्य के खिलाफ धारा ४१९, ४२०, ४०९, ४६७, ४६८, ४७१, ३४ के तहत जुर्म दर्ज किया है।
चौहान पर उठी उंगली
७४ लाख ५८ हजार के छात्रवृत्ति घोटाले में तत्कालीन समय में सहायक आयुक्त एचआर चौहान का सामने आ रहा है। क्योंकि उस वक्त चौहान ही आयुक्त थे। इसके अलावा आधा दर्जन नोडल अफसर व बीईओ संदेह के दायरे में हैं। सरकार यदि सही सलामत जांच कर रिपोर्ट सौंपे तो आधा दर्जन नोडल अफसर, स्कूल संचालक व प्राचार्य जेल जा सकते हैं। क्योंकि छात्रवृत्ति में सबसे अहम भूमिका नोडल अधिकारियों की है। उन्होंने सीधे तौर में यह कहा जा सकता है कि उन्होंने स्कूल संचालकों से मिली भगत कर ७४ लाख ५८ हजार रुपए की छात्रवृत्ति आहरण कर आपस में बंटवारा कर लिए हैं।
ये हैं दागी स्कूल         नोडल अधिकारी
१. मां सतबहिनया स्कूल लेवाई        आरपी शर्मा
२. एसएम भार्गव उमावि लेवाई        —–
३. अशा. इंदिरा गांधी उमावि पनोरापारा     —–
४. अशा. ज्ञानभारती उमावि कुरमा    —–
५. मां खंभदेश्वरी बगडबरी        —–
६. अशा. मां जै जननी उमावि बगडबरी    —–
७. अभिजीत उमावि काठापाली         एचपी खरे
८. नीलकंठ उमावि. नवापारा खिसोरा    ——
९. अमन उमाश. उदयपुर            आरएन कुर्रे
१०. मां सरस्वती उमावि अंगारखार    आरपी शर्मा
११. मां गायत्री उमावि डोंगरी        प्राचार्य बलौदा, खिसोरा
१२. मां सरस्वती उमावि पोंच        एसएल नेताम
१३. मां घाटादेई उमावि लीमभांठा        बीईओ एवं प्राचार्य बलौदा