सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने भाजपा सरकार की निकाली शव यात्रा…. मुक्तिधाम ले जाकर किया अंतिम संस्कार…!

सतना: में आशा कार्यकर्ता और रसोइयों का उग्र आंदोलन भाजपा सरकार की मुसीबत बनता जा रहा है, आन्दोलनकार्यो ने आज प्रदेश सरकार का अजीबो गरीब ढंग से विरोध करके तिलांजली दी है, समाज सेवी शंभू चरण दुबे के नेतृत्व में विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनकारी महिलाओ ने प्रदेश सरकार की अर्थी सजाई और बाकायदा शहर भर में शव-यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया, इतना ही नही अर्थी को मुक्तिधाम ले जाकर विधि विधान से अंतिम संस्कार किया, दिलचष्प बात यह रही कि महिलाओं ने अर्थी के सामने विलाप किया, शव यात्रा कंधा देकर शमसान ले गयी, और मुखाग्नि देकर अग्निसंस्कार किया, प्रदेश भर की आशा कार्यकर्ता एवं रसोइया वेतन बृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है।
                       राम नाम सत्य के साथ निकली गई शव यात्रा कोई सामान्य अर्थी की नही थी, बल्कि मौजूदा प्रदेश सरकार की शव यात्रा थी, अपने कंधे पर शव को शमसान ले जा रही चार से पांच सौ यह महिला आशा कार्यकर्ता और रसोइया है, शहर के प्रमुख मार्गों में निकली गयी सरकार के विरोध स्वरूप यह सांकेतिक शव यात्रा थी, अनोखी शव यात्रा लोगों के लिये उत्सुकता और कौतूहल का विषय बनी रही, शव को शमसान लेजाकर पूरे वैदिक रीति रिवाज और मंत्रोपचार के बीच अंतिम संस्कार किया गया, शव विलाप भी हुआ, vlcsnap 2018 10 05 20h07m54s945महिलाओं ने अर्थी को कंधा और मुखग्नि भी दी, काफी समय से प्रदेश भर की आशा कार्यकर्ता और रसोइया अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन पर है, सरकार उनकी माँगों पर विचार नही कर रही है, भोपाल के साथ हर जिलों में एक साल से धरना प्रदर्शन आंदोलन का दौर भी चला, लेकिन सरकार के कान में जूँ तक नही रेंगी, प्रदेश में चुनावी बिगुल बजने को है, हताश निराश अंदिलंकारी आशा कार्यकर्ता और रसोइया सरकार को तिलांजलि देने के मकसद से आज सतना में यह अजीबो गरीब प्रदर्शन किया, आंदोलनकारी आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को न मानकर रिश्तों को खत्म किया है, हम महिलाएं तिलांजलि देकर भाजपा सरकार से रिश्ते खत्म कर रहे है, आंदोलनकारी महिलाओं और उनके नेता विधानसभा चुनाव में भाजपा का खुला विरोध करके हराने की धमकी दे रहे है, आने वाले चुनाव में यह तिलांजलि भाजपा को भारी पड़ सकती है, हजारो की तादात में प्रभावित आशा कार्यकर्ताओं और रसोइयों के परिवारों का विरोध सरकार को झेलना पड़ेगा ।