सक्ती को जिला नही बनाये जाने पर अपने विधायक डां चरण दास मंहत से नाराज है क्षेत्र की जनता …सक्ती को जिला बनाने की मांग…

जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले के सक्ती विधानसभा की जनता लंबे समय से अपने क्षेत्र को जिला बनाने की मांग करते आ रहे है । लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नही हुई है। 15 वर्षो से भाजपा सरकार के भरोसा था वह भी टुट गया . पर अब सरकार बदलने के बाद क्षेत्र के विधायक डां चरण दास मंहत से थोडी आस बंधी थी वो भी टुटते दिख रही है। उसमें जिन चार नए जिलों की कवायद हो रही है उनमें राजनांदगांव से काटकर मोहला मानपुर, कांकेर से अलग भानुप्रतापपुर, रायगढ़ से अलग करके सारंगढ़ और बिलासपुर से अलग कर पेंड्रा-मरवाही को जिला बनाया जा सकता है। वहीं कांकेर और राजनांदगांव को संभाग बनाने की तैयारी सरकार कर रही है। लेकिन इनमें सक्ती का नाम नही होने से क्षेत्र के विधायक डां चरण दास मंहत से नाराज है। क्षेत्र वासीयो का कहना है की जनता उन्हे उसी विश्वास के साथा चुनाव जीताई है कि क्षेत्र के विकास व सक्ती को जिला बनाने को काम सबसे पहले करेगें लेकिन ऐसा होते नही दिख रहा है। क्षेत्र की जनता अपने विधायक से भारी आक्रोशित हैं ।

डां मंहत वादा पूरा नही कर पा रहे …..

चुनाव के पहले जनता से वादा कर चुनाव तो जीत गये, पर चुनाव जीतने के बाद सक्ती को जिला बनाने नाकाम नजर आ रहे हैं। क्षेत्र के जनता का कहना है चुनाव के पहले सभी नेता वादा तो बड़ी -बड़ी करते है पर चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं। वही जिस प्रकार प्रदेश में अन्य शहर का नाम जिला बनाने में लिया जा रहा है उसमें सक्ती का नाम नही है।

शैक्षणिक जिला के नाम है सक्ती ..
सक्ती नगर को जनता की भारी मांग को देखते हुए पिछले सरकार ने शैक्षणिक जिला घोषित कर दिया है पर जनता की मांग है कि सक्ती पूर्ण रूप से राजस्व जिला बनाये जाये। शिक्षा के क्षेत्र मे विस्तार तो गया है पर लोगो के मांग के अनुरूप राजस्व जिला नही बन पाया है।

वर्तनाम में हैं 27 जिले…

नए जिलों के गठन के बाद प्रदेश में जिलों की संख्या 27 से बढ़कर 31 हो जाएगी. वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ बना तब यहां जिलों की संख्या 16 थी. तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने 1998 में छत्तीसगढ़ में आठ नए जिले बनाए थे. उससे पहले यहां सिर्फ आठ जिले ही थे. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार 11 मई 2007 को बस्तर संभाग में नारायणपुर और बीजापुर जिले बनाए गए. इसके बाद जिलों की संख्या 18 हुई. फिर एक जनवरी 2012 को छत्तीसगढ़ सरकार ने बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, कोंडागांव, सुकमा, बलरामपुर और सूरजपुर कुल 9 नए जिलों का गठन किया.