मिशन 2023: जैजैपुर विधानसभा में केशव के हैट्रिक को रोकने बीजेपी, कांग्रेस दोनों लगा रहे ताकत…लेकिन यहां स्थानीय व बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा हावी…बालेश्वर को साहू वोटर पर भरोसा तो कृष्णकांत चंद्रा को बीजेपी मतदाता पर विश्वास…

@संजय यादव
जांजगीर चांपा। जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसा ही चुनावी पारा बढने लगा है. हालांकि मौसम का मिजाज जरूर खुशनुमा है लेकिन चुनावी माहौल अब तेज होने लगे है.जैजैपुर विधानसभा इस बार स्थानीय एवं बाहरी मुद्दा हावी दिख रहा है. यहां बहुजन समाज पार्टी से लगातार दो बार के विधायक रहे केशव चंद्रा का दबदबा अभी भी कायम है. वहीं कांग्रेस ने इस बार सक्ति जिले के युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बालेश्वर साहू को प्रत्याशी बनाया है, तो बीजेपी ने सक्ति के भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्र को मैदान में उतारा है. अब भाजपा एवं कांग्रेस दोनों केशव चंद्रा के हैट्रिक को रोकने दम लगा रहे हैं. लेकिन जैजैपुर विधानसभा में स्थानीय एवं बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा हावी होते दिख रहा है. बालेश्वर साहू को अपने साहू वोटरों से पर भरोसा है तो कृष्णकांत को बीजेपी मतदाता पर विश्वास नजर आ रहा है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टेकचंद चंद्रा से कांग्रेस प्रत्याशी को कड़ी टक्कर मिल रही है. कांग्रेस का खेल बिगाड़ने टेकचंद चंद्रा जोगी कांग्रेस से मैदान में उतर गए हैं .जिससे कांग्रेस को नुकसान होते दिख रहा है।

नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के बाद अब नाम वापसी की इंतजार में प्रत्याशी हैं. 2 नवंबर को नाम वापसी के बाद चुनावी गर्मी और तेज हो जाएगी. हालांकि मौसम का मिजाज जरूर ठंडा है लेकिन चुनावी गर्मी धीरे धीरे तेज हो रही है. अब जनता को मतदान तारीख का इंतजार है.

इस बार जैजैपुर विधानसभा के मतदाता फिर से केशव चंद्र पर विश्वास करते हैं या नए विधायक चुनकर लाते हैं यह 3 दिसंबर को साफ हो जाएगा. लेकिन जिस हिसाब से विधानसभा में देखा जा रहा है कि अभी भी केशव चंद्र का जादू जैजैपर में सर चढ़कर बोल रहा है.वही दूसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी है जो पूर्व पत्रकार भी थे कृष्णकांत चंद्रा मैदान पर है, जो पढ़े लिखे होने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के संघ के कार्यकर्ता भी हैं. वे प्रधानमंत्री का चेहरा को लेकर वे जनता के पास जा रहे है. विश्वास दिला रहे कि इस बार समस्या को दूर करने के लिए बीजेपी के साथ दे, तो दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी बालेश्वर साहू को अपने सामाजिक वोटर के अलावा अपने युवा साथियों पर ज्यादा भरोसा है. लेकिन बालेश्वर के पास विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुभव की कमी एवं स्थानीय कार्यकर्ताओं की कमी साफ दिखाई दे रही है.

जैजैपुर के कांग्रेसी नेता गिने-चुने ही बालेश्वर के साथ में नजर आ रहे हैं हालांकि यहां कांग्रेसी कार्यकर्ता नहीं के बराबर है.कांग्रेस का संगठन यहां कमजोर है. जिसका खामियाजा बालेश्वर को भुगतना पड़ रहा है. अब अपने बाहरी कार्यकर्ताओं के साथ जनसंपर्क में लगे हुए हैं .लेकिन जब मतदाता के पास जा रहे हैं तो मतदाता जरूर पूछ रही है कि हम स्थानीय को ही अपना विधायक चुनेंगे.

हालांकि मौजूदा विधायक केशव चंद्र का भी कुछ क्षेत्र में विरोध देखने को मिल रहा है इसका कारण 10 साल लगातार विधायक रहते उन्होंने अपेक्षा के अनुरूप क्षेत्र में विकास नहीं किया है .अब फिर से जनता के पास जब जा रहे हैं तो जनता विधायक से अपना हिसाब ले रही है. रोड नाली, शिक्षा,रोजगार को लेकर जनता विधायक से सवाल पूछ रही है. अब इन सब के बीच कांग्रेस एवं भाजपा सेंध लगाने में लगी है. देखना होगा कि इस बार किसका पलड़ा भारी होता है.. क्या जैजैपुर विधानसभा में कांग्रेस सेंध लग पाएगी या बीजेपी आगे हो जाएगी. बीजेपी के पास प्रधानमंत्री का चेहरा है तो कांग्रेस प्रत्याशी बालेश्वर साहू के पास विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत का हाथ है. अब क्या बालेश्वर साहू के नाव को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार लगा पाते हैं या मजधार में ही बालेश्वर की नैया डूब जायेगी यह 3 दिसंबर को साफ हो जाएगा।