Navratri 2023: मातारानी के लिए उपवास रख रहे तो रखे इन बातों का ध्यान

फटाफट डेस्क. हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक शारदीय नवरात्रि (Navratri 2023) 22 मार्च से शुरू होने वाला है। माता के भक्त 9 दिन तक उपवास रखकर आराधना करते हैं। मां दूर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत के दौरान कुछ नियम बनाए गए हैं जिसे फॉलो करना जरूरी होता है। खानपान से लेकर लाइफस्टाइल (lifestyle) में बदलाव करने होते हैं। इससे ना सिर्फ शरीर शुद्ध होता है बल्कि मन भी निर्मल बनता है। आइए बताते हैं वो छह नियम जिसे उपवास के दौरान अपनाने चाहिए।

IMG 20230320 WA0015

Navratri fasting rules (Navratri 2023 Fasting Rules)

1. व्रत करने वाले को पलंग के बजाए जमीन या फिर लड़की के तख्ते पर सोना चाहिए। गुदगुदे गद्दे पर सोने से पहचना चाहिए।

2.व्रत के दौरान अधिक भोजन नहीं करना चाहिए। फल, कट्टू का आटा, जूस और पानी का प्रयोग करना चाहिए।

3. व्रत करने वाले व्यक्ति को भूलकर भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। मन में संयम रखते हुए अच्छी वाणी ही बोलनी चाहिए। किसी को भी अपशब्द उपवास के दौरान नहीं बोलना चाहिए। इससे व्रत के फल की प्राप्ति नहीं होती है।

4. उपवास करने वाले व्यक्ति को ब्र‍ह्मचर्य का पालन करना चाहिए। काम, क्रोध, मोह और लोभ से दूर रहना चाहिए।

5. व्रत करने वाले लोगों को अपने इंद्रियों पर काबू करना चाहिए। तामसी भावों को त्याग करना चाहिए। मां दुर्गा और इष्ट देव की आराधना के बाद मेडिटेशन कर सकते हैं।

6. गुटखा, तंबाकू से व्रत के दौरान दूर रहना चाहिए। बार-बार जल पीने की बजाए एक बार में अच्छे से पानी पीना चाहिए। व्रत के दौरान 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।

नवरात्रि में कन्यापूजन से मिलता पुण्य

ज्योतष शास्त्र के अनुसार, उम्र के हिसाब से कन्या पूजन का खास महत्व है। 2 वर्ष की कन्या को कुमारी कहा जाता है। ऐसे में इस उम्र की कन्या का पूजन करने से दुख और दरिद्रता दूर होती है। 3 साल की कन्या को त्रिमूर्ति कहते हैं, इनकी पूजा से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। 4 वर्ष की कन्या कल्याणी कहलाती है। इस उम्र की कन्या का पूजन करने से भगवती भक्तों का कल्याण करती हैं। वहीं 5 वर्ष की कन्या को रोहिणी के रूप में जाना जाता है। इनकी पूजा से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। 6 वर्ष की कन्या मां काली की स्वरूप होती हैं। जो भक्त इनकी पूजा करते हैं, ज्ञान, विद्या और राजयोग का वरादान प्राप्त होता है। इसके अलावा 7 वर्ष की कन्या देवी चंडिका की स्वरूप मानी जाती हैं। इनकी पूजा से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। 8 वर्ष की कन्या को माता शाम्भवी का स्वरूप माना जाता है। इनकी पूजा से न्यायिक विवादों से छुटकारा मिलता है। 9 वर्ष की कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है। इनकी पूजा से शत्रु शांत होते हैं. 10 दस वर्ष की कन्या को मां सुभद्रा का स्वरूप माना जाता है। नवरात्रि में जो भक्त कन्या पूजन के रूप में इनकी पूजा करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।

नवरात्र व्रत करने के लाभ (Benefits of Navratri Vrat)

शास्त्रों में नवरात्रि में उपवास को काफी अहम माना गया है। जो लोग व्रत के दौरान नियमों का पालन नहीं करते हैं वह बीमार और संतानहीन रह जाते हैं। श्रद्धाभाव और स्वच्छ मन से माता की आराधना करने वालों की तमाम मनोकामनाएं पूरी होती है। स्वस्थ्य भी अच्छा रहता है। घर में नव दुर्गा का वास होता है। इसलिए नवरात्रि के दौरान बनाए गए नियम का जितना हो सके पालन जरूर करना चाहिए।