भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों में शिकायतकर्ताओं को 48 घंटे में मिले जवाब . शिवराज

भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स” ही सुशासन का मूल मंत्र

मुख्यमंत्री हेल्प लाइन का नया नम्बर 181 जल्दी शुरू होगा 

प्रमुख सचिव, सचिव मैदानी दौरा करें, शुक्रवार और शनिवार को बैठकें नहीं 
मुख्यमंत्री श्री चौहान सोमवार, मंगलवार को लेंगे बैठकें, शेष दिन मैदानी दौरा

भोपाल : गुरूवार, जनवरी 16, 2014, 19:32 IST
 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही पाये जाने पर वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी। भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस ही सुशासन का मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन और टेली समाधान व्यवस्था को एकीकृत कर दिया गया है। टेलीकाम विभाग द्वारा इस हेल्प लाइन का जल्द ही तीन डिजिट का सरल 181 टोल फ्री नंबर आम लोगों के लिये उपलब्ध करवाया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों पर शिकायतकर्ता को 48 घंटों के अंदर अनिवार्य रूप से जवाब दिया जाये। अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर केवल शुक्रवार और शनिवार के अलावा अन्य दिनों में बैठकें रखी जायें। उन्होंने बताया कि वे स्वयं केवल सोमवार और मंगलवार को मंत्रालय में बैठकें लेंगे और बाकी दिन मैदानी दौरा करेंगे। हर सोमवार को शाम 5 बजे किसी महत्वपूर्ण विषय विशेष पर सभी विभागों के सचिव मिलकर विचार-विमर्श करेंगे। अंतर्विभागीय समन्वय और आने वाली बाधाओं पर चर्चा कर समाधान निकाला जायेगा। इसी तारतम्य में आगामी सोमवार को गौण खनिजों रेत, गिटटी आदि के संबंध में नीति तय करने के संबंध में चर्चा की जायेगी।

श्री चौहान ने कहा कि पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिये ऊपरी स्तर से शुरूआत करना जरूरी है। जो अच्छा काम करें उसकी तारीफ हो। उनका सार्वजनिक सम्मान भी किया जाये, जो लापरवाही करें उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाये। श्री चौहान ने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में लोगों की समस्याओं के समाधान के साथ योजनाओं के बारे में चाही गयी जानकारी तथा अपेक्षित सूचनाएँ भी दी जायें। उन्होंने मंत्रालय की कार्य-प्रणाली में और सुधार लाने के लिये विशेष प्रयास के निर्देश दिये और प्रमुख सचिवों से सुझाव माँगे।

श्री चौहान ने कहा कि मंत्रालय स्तर पर प्रस्तुत विकास की स्थितियाँ और मैदानी स्तर पर विकास की स्थिति में कोई अंतर नहीं होना चाहिये। इसके लिये जरूरी है कि वरिष्ठ अधिकारी अपने विभाग सहित अन्य विभागीय गतिविधियों और आम जनता से जुड़ी सेवाओं की स्थिति जाँचने-परखने मैदानी दौरा करें। उन्होंने आगामी 15 दिन में सभी मैदानी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके बाद कार्यालयों और व्यवस्थाओं के औचक निरीक्षण के दौरान मिलने वाली अनियमितताओं के लिये संबंधित अधिकारी के साथ सुपरवाइजरी अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि मैदानी दौरों के समय आम लोग ऐसे कामों के लिये बड़ी संख्या में आवेदन देते हैं जिनका समाधान जिला और तहसील स्तर पर ही आसानी से हो सकता है।

बैठक में बताया गया कि टेली समाधान और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन का अब एकीकृत स्वरूप होगा। सभी विभाग प्रमुखों से कहा गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा सेवाएँ हेल्प लाइन की इस प्रक्रिया में दर्ज करवायें। वर्तमान में 22 विभाग की 325 सेवाएँ दर्ज हैं। वर्तमान में टेली समाधान और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों के साथ ही शासकीय योजनाओं से लाभ लेने की प्रक्रिया के संबंध में पूछताछ के कॉल आते हैं। श्री चौहान ने काल सेंटर के निरीक्षण के संदर्भ में बताया कि अभी 11 जनवरी से अब तक छह दिन में 12 हजार फोन काल इस काल सेंटर में आये। इनमें से 4000 काल शिकायतों और 2500 योजनाओं के बारे में थे। इसके अलावा एक हजार काल में सुझाव दिये गये थे। टेली समाधान व्यवस्था 2008 से चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर जानकारी मिलने और सकारात्मक समाधान से कई समस्याओं का निराकरण तत्काल हो जाता है। इससे प्रशासनिक क्षमता भी बढ़ेगी और लोगों का प्रशासन में विश्वास मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि मैदानी दौरों और विभिन्न कार्यक्रमों के बाद आम लोगों द्वारा उन्हें मिलने वाली शिकायतों, प्रार्थना-पत्र और अन्य आवेदन का निपटारा भी समय पर होना चाहिये। भले ही इसके लिये अलग से अमला लगाने की जरूरत पड़े।

बैठक में मुख्‍य सचिव श्री अन्टोनी डि सा ने बताया कि संभाग और जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा मैदानी भ्रमण और औचक निरीक्षण संबंधी परिपत्र आज जारी ‍िकया गया है। मुख्यमंत्री के सचिव श्री हरिरंजन राव ने टेली समाधान और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के संबंध में तकनीकी जानकारी दी। बैठक में सभी विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित थे।