Vodafone Idea FPO: टेलीकॉम सेक्टर की कर्ज में डूब रहा आदित्य बिरला समूह (Aditya Birla Group) से जुड़ी कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea Limited) ने देश का सबसे बड़े फालो ऑन ऑफर (Follow-on public offering लाने की तैयारी की हैं। कंपनी का एफपीओ इसी सप्ताह गुरुवार यानी 18 अप्रैल को खुल रहा हैं। इसमें निवेशक आगामी 22 अप्रैल तक बोली लगा सकेंगे। इस एफपीओ के लिए कंपनी ने 10 से 11 रुपये का प्राइस बैंड तय किया हैं।
देश का सबसे बड़ा एफपीओ –
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का एफपीओ देश के इतिहास में सबसे बड़ा एफपीओ होगा, यदि यह सफल होगा तो। इससे पहले जुलाई 2020 में यस बैंक ने 15,000 करोड़ रुपये का एफपीओ लाया था। वह एफपीओ सफल रहा था। इसी तरह फरवरी 2023 में भी अडानी इंटरप्राइजेज Adani Enterprises ने 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ लाया था। यह एफपीओ सफल भी रहा था। क्योंकि, इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब कर लिया गया था। लेकिन, हिंडनबर्ग की आंधी में इसे एफपीओ को वापस ले लिया गया था।
क्या हैं लॉट साइज और प्राइस बैंड –
Vodafone Idea FPO के लिए 10-11 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड फिक्स किया गया हैं। इस FPO के लिए लॉट साइज 1298 शेयरों का होगा। मतलब कि रिटेल इनवेस्टर्स यदि कट ऑफ प्राइस पर बीड करते हैं तो उन्हें कम से कम 14,278 रुपये का निवेश करना होगा। इससे ऊपर इतने ही शेयरों के गुणक में बोली लगानी होगी।
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कब खुलेगा बिड –
वोडा आइडिया एफपीओ के लिए एंकर इंवेस्टर्स को 16 अप्रैल को बिड करने का मौका मिलेगा। इसके बाद रिटेल समेत अन्य श्रेणी के इनवेस्टर्स को 18 से 22 अप्रैल के दौरान बोली लगाने का मौका मिलेगा।
अच्छा रिस्पांस का संकेत –
इस एफपीओ को ग्लोबल लेवल पर बेहतर रिस्पांस का संकेत मिला हैं। न्यूज एजेंसी रायटर की एक खबर के मुताबिक, इसमें अमेरिका के GQG Partners ने करीब 4200 करोड़ रुपये के निवेश की प्लानिंग की हैं। इसके साथ ही, एसबीआई म्यूचुअल फंड्स भी 1700 से 2500 करोड़ रुपये के बीच लगा सकता हैं। इस एफपीओ से जुड़े इनवेस्टमेंट बैंकर्स बताते हैं कि, इसका बाजार में अच्छा डिमांड हैं। इसलिए यह ओवरसब्सक्राइब होगा।
जानिए क्या हैं FPO?
FPO यानी Follow-on Public Offering भी आईपीओ की तरह ही कंपनियों के लिए फंड जुटाने का एक तरीका होता हैं। लेकिन, FPO वही कंपनियां ला सकती हैं, जो शेयर बाजार में पहले से सूचीबद्ध हैं। आमतौर पर कंपनियां FPO तब लाती हैं। जब उन्हें अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत होती हैं।