स्वर्ग से लेकर पाताल तक ढूंढो, मगर ‘भगवान’ को लेकर आओ…. सिविल जज ने क्यों दिया ये आदेश… आप भी पढ़ें



जयपुर: बूंदी जिले के केशवराय पाटन के सिविल न्यायाधीश विकास नेहरा का एक आदेश इन दिनों सोशल मीडिया में चर्चा में है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के इस आदेश में बार-बार तलब करने पर भी एएसआई के हाज़िर नहीं होने पर पुलिस थाना काप्रेन के थानाधिकारी को वारंट तामील कराने का निर्देश है। इसमें न्यायिक अधिकारी विकास नेहरा ने टिप्पणी की है, ‘गवाह भगवान सिंह को स्वर्गलोक से पाताललोक तक तलाश कर गवाह की तामील आवश्यक रूप से करवाया जाना सुनिश्चित करें’, ताकि पुराने प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया जा सके। न्यायिक मजिस्ट्रेट का यही आदेश इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

दरअसल, यह आदेश केशवराय पाटन के सिविल कोर्ट में 6 लंबित मामलों से जुड़ा है। इसका अनुसंधान एएसआई भगवान सिंह ने किया था। इन्हीं मामलों में गवाह भगवान सिंह को पेश होना था, लेकिन वह बार-बार तलब करने पर भी कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था। इस वजह से अदालत इन मामलों का निपटारा नहीं कर पा रही थी। गौरतलब यह है कि ये सभी मामले पांच साल से ज्यादा पुराने हो चुके हैं। हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को यह निर्देश दिया है कि पांच साल से पुराने मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा करें।

बीते दिनों जब केशवराय पाटन की इस अदालत में लंबित मामलों की सुनवाई हुई तो एक बार फिर गवाह भगवान सिंह को पेश करने की जरूरत आन पड़ी। तब न्यायिक अधिकारी ने पुलिस को ऐसा सख्त निर्देश दिया। सिविल कोर्ट ने पुलिस थाना काप्रेन के थानाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह भगवान सिंह के खिलाफ जारी वारंटों को तामील कराए। क्योंकि पुलिस थाने में एएसआई रहते हुए भगवान सिंह ने ही इन सभी मामलों का अनुसंधान किया था।

राजस्थान की निचली अदालतों में पांच साल से पुराने 4 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। अधीनस्थ अदालतों में 31 दिसम्बर 2020 के आंकड़ों के अनुसार ऐसे करीब 4.25 लाख मामले लंबित चल रहे हैं। इनमें से 82,221 मामले तो करीब 10 साल से लंबित हैं। शेष 3,43,209 मामले 5 साल से पेंडिग हैं। इनमें 1,18,508 सिविल और 3,06,922 क्रिमिनल मामले हैं।