कहर बनकर टूटी बारिश… यहां ओले और ठंड की चपेट में आने से 100 की मौत, सरकार से मुआवजे की मांग

गया. बिहार के प्रमुख शहरों में से एक गया में मौसम के तल्‍ख तेवर ने कहर बरपाया है. गया में मंगलवार को तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे. तेज हवाओं और बारिश के कारण ठंड अचानक से काफी बढ़ गया. बताया जाता है कि ओले और ठंड की चपेट में आने से 100 से ज्‍यादा भेड़ों की मौत हो गई. बड़ी तादाद में भेड़ों की मौत की घटना किसानों के लिए वज्रपात से कम नहीं है. भेड़ों की मौत से परेशान किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है, ताकि खराब मौसम के कारण हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की जा सके.

जानकारी के अनुसार, बड़ी तादाद में भेड़ों के मरने का यह मामला बोधगया के रामपुर गांव का है. बीती रात गया जिले में हुई तेज बारिश के कारण बोधगया के रामपुर गांव में लगभग 100 से ज्यादा भेड़ों कि मौत हो गई. बताया जाता है कि भेड़ों की मौत ठंड और ओला गिरने को कारण हुई. कुछ भेड़ों की मौत की वजह पानी में डूबना भी बताया जा रहा है. खुले में होने के कारण भेड़ बारिश की चपेट में आ गए थे. इस घटना के बाद से रामपुर गांव के भेड़ पालक गमगीन हैं. बता दें कि गांव में करीब 5 से 6 किसान भेड़ पालन का काम करते थे, जिनमें किसी के 30 तो किसी भेड़ पालक के 50 भेड़ों की मौत हो गई. अब इन भेड़ पालकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

बुनकर संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार पाल ने बताया कि इन लोगों का भेड़ों से ही जीविकोपार्जन होता था. अब मृत भेड़ों के मालिकों की रोजी-रोटी का जरिया समाप्‍त हो गया है. उन्होंने बतया कि हमलोग कई बार सरकार से पशु शेड बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने इस तरफ आज तक ध्‍यान नहीं दिया. अब 100 से ज्‍यादा भेड़ों कि मौत हो गई है और भेड़ पालकों का रोजगार खत्म हो गया है.

भेड़ पालक अब सरकार से उचित मुवावजे की मांग कर रहे हैं. मंगलवार रात को हुई इस घटना में विमल पाल के 25 भेड़, आदित पाल के 30 भेड़, विनोद पाल के 50 भेड़ और प्रह्लाद भगत के 10 भेड़ों की मौत हो गई. भेड़ पालकों का कहना है कि कुल मिलाकर तकरीबन 7 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.