कौन बनेगा कांग्रेस का अगला अध्यक्ष?

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के तेवर बदल रहे हैं। संगठनात्मक चुनाव के लिए नई तकनीक का सहारा लिया जाएगा। पार्टी सदस्यता अभियान के पारंपरिक तरीके को अब ऐप के माध्यम से ई-सदस्यता में बदल दिया गया है। अब उसी माध्यम से सदस्यों के बीच एक ऑनलाइन चुनाव आयोजित करने की योजना भी बनाई जा रही है। अगस्त-सितंबर तक अगले कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने है। उससे पहले चुनावी कॉलेजियम का गठन किया जाना है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ई-वोटिंग का सहारा लेने पर विचार कर रही है। इस कॉलेजियम में एआईसीसी और पीसीसी के मेंबर शामिल होंगे।

50 से अधिक सदस्य एआईसीसी सदस्य और पीसीसी प्रतिनिधि बनने के लिए चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। लगभग आठ से नौ हजार पार्टी पदाधिकारियों के द्वारा तीन लाख से अधिक नामांकनकर्ताओं के इस पात्रता मानदंड को पूरा करने की उम्मीद है।

यूपी को छोड़कर बाकी जगहों पर सदस्यता अभियान 15 अप्रैल को समाप्त होगा। कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि छह करोड़ से अधिक पार्टी मेंबर हो जाएंगे।

इस अभियान की निगरानी मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व वाली केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण कर रहा है। प्रवीण चक्रवर्ती के नेतृत्व वाले एआईसीसी डेटा एनालिटिकल विभाग के समन्वय में प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर (पीआरओ) और पार्टी नामांकनकर्ताओं के माध्यम से इसे अंजाम दिया जा रहा है। यह भी पता चला है कि ई-सदस्यता के साथ-साथ पेपर प्रारूप में एकत्र की गई सदस्यता को हाल ही में डिजिटल स्वरूपों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है।

राहुल गांधी ने आंतरिक रूप से इस ई-ड्राइव को कांग्रेस संगठन का एक्स-रे के रूप में वर्णित किया है। आयोजकों का कहना है कि सत्यापित डिजिटल सदस्यता से फर्जी सदस्यता से छुटकारा मिलेगा। कांग्रेस सदस्यता अभियान और आगामी संगठनात्मक चुनाव इस बार पार्टी के परिवर्तन चाहने वालों की पार्टी अध्यक्ष पद और सीडब्ल्यूसी सहित निष्पक्ष संगठनात्मक चुनावों की मांग के कारण विशेष रुचि जगाते हैं।

आयोजकों का कहना है कि एक नए एंड्रॉइड “कांग्रेस सदस्यता ऐप” के माध्यम से यह ड्राइव, केवल स्वीकृत कांग्रेस पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। केवल स्वीकृत नामांकनकर्ता ही सदस्यता के लिए घर-घर जाते हैं। एक फुलप्रूफ, सत्यापित और सख्त डिजिटल सदस्यता कार्यक्रम “मिस्ड कॉल” पद्धति के माध्यम से सदस्यता स्वीकार नहीं करता है।