उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समर्थक बाबर अली की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि कानपुर में भी ऐसा मामला सामने आने लगा है। यहां पर एक पढ़े-लिखे मुस्लिम युवक को बीजेपी का झंडा लगाने पर पड़ोसियों ने आंख फोड़कर गर्दन काटने की धमकी ही नहीं दी बल्कि कई बार उसके साथ सरेआम मारपीट भी की।
आखिर अपनी जान का संकट जानकार उसने थाने में एफआईआर लिखवा दी है। पुलिस मामले की जांच तो कर रही है, लेकिन किसी आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। मामला कानपुर के किदवई नगर की जूही लाल कॉलोनी में रहने वाले शकील अहमद से जुड़ा हुआ है। शकील पहले दिल्ली में एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करते थे।
इसके बाद शकील कानपुर अपने घर आकर ज्वैलरी का बिजनेस करने लगे। शकील का कहना है कि, मै 2013 से बीजेपी का समर्थक हूं, मोदी को पसंद करता हूं, इस बार विधानसभा चुनाव में मैंने अपने घर पर बीजेपी का झंडा लगाया जबकि बाकी पूरे मोहल्ले ने कांग्रेस का झंडा लगाया था। उनका कहना है कि बीजेपी विधायक ने चुनाव के दौरान मेरे गले में माला डाल दी थी।
शकील का कहना है कि, इससे मेरे पड़ोसी नाराज हो गए और सभी ने मेरे घर से बीजेपी का झंडा नोचकर फेंक दिया, लेकिन मैंने फिर झंडा लगा दिया, इससे नाराज होकर पड़ोसी शाहनवाज ने मुझे धमकी दी कि, मोहल्ले के मुस्लिमों के साथ मिलकर चलो नहीं तो तुम्हारी आंखे फोड़कर गर्दन काट दूंगा। इसके बाद इन लोगों ने मुझे कई बार मारा पीटा।
शकील ने कहा कि, अब मुझे अपनी जान का खतरा लग रहा है इसलिए किदवई नगर थाने में एफआईआर लिखवा दी है। पुलिस ने शकील की शिकायत पर शाहनवाज, राशिद, रिजवान और भल्लू के साथ ही उसके लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने धारा 147, 427, 323, 506 और 294 में एफआईआर लिखी है।
एडीसीपी मनीष सोनकर का कहना है कि, शकील की तरफ से एफआईआर लिखी गई है, उन्होंने 29 तारीख को मारपीट करने का आरोप लगाया है, उन्होंने एफआईआर में राजनैतिक विरोध के आरोप लगाए हैं, पुलिस जांच करके कार्यवाही कर रही है।