कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ़्तरों को ‘स्टाफ़-मुक्त’ बनाना है, ऐसा क्यूँ कहा राहुल गाँधी ने ? पढ़े पूरी खबर

राहुल गाँधी का सवाल -चाहे कोरोना का मुद्दा हो, अर्थव्यवस्था हो, चीन के साथ सीमा विवाद का मसला हो, रोजगार हो या फिर नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन का विषय हो, राहुल गांधी लगातार सरकार से सवाल कर रहे हैं और निशाना साध रहे हैं.
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज, कहा- कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ़्तरों को ‘स्टाफ़-मुक्त’ बनाना है
निजीकरण के बढ़ते हुए कदम को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि ‘न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण’ इस सरकार की सोच है. राहुल ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ मोदी सरकार की सोच – न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण.’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ़्तरों को स्थायी ‘स्टाफ़-मुक्त’ बनाना है, युवा का भविष्य चुराना है, ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है.’’राहुल गाँधी ने एक और सवाल मोदी सरकार से किया –
रोजगार और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा ”5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था गायब है , आम नागरिक की आमदनी गायब है , देश की खुशहाली और सुरक्षा गायब है , सवाल पूछो तो जवाब गायब है .”
इससे पहले उन्होंने एक खबर का लिंक साझा करते हुए कहा कि मोदी सरकार, रोज़गार, बहाली, परीक्षा के परिणाम दो, देश के युवाओं की समस्या का समाधान दो.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इकॉनोमी को लेकर भी एक वीडियो उपलोड किया था जिसमे उन्होंने कहा ”मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है. उन्होंने आगे कहा, ”जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया.’