सिक्का लेने से मना किया तो होगी जेल, DM ने निकाला आदेश, जानिए वजह

जमुई/बिहार. अक्सर आपने देखा होगा कि दुकान में सामान लेने के बाद दुकानदार सिक्कों की बजाय चॉकलेट या दूसरी कोई वस्तु थमा देते हैं, लेकिन ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इतना ही नहीं अगर कोई दुकानदार आपसे छोटे सिक्के लेने से मना करता है तो उन्हें जेल भी हो सकती है। दरअसल, जमुई डीएम राकेश कुमार ने इसको लेकर एक आदेश जारी किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि सिक्के नहीं लेना गैर कानूनी है और छोटे सिक्कों का प्रचलन बंद नहीं किया जा सकता है। यह पूरा मामला तब सामने आया, जब लगातार लोगों की यह शिकायत मिल रही थी कि जमुई जिले में छोटे अठन्नी और एक रुपए के सिक्कों का प्रचलन बंद कर दिया गया है। इसके बाद डीएम ने इसे लेकर आदेश निकाला है।

छोटे सिक्कों को लेने से मना करना गैर कानूनी

एलडीएम धीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि छोटे सिक्कों को लेने से मना करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार केवल 25 पैसों के सिक्कों को छोड़कर सभी सिक्के पूरी तरह से वैध है और बाजारों में इसका प्रचलन होना है, लेकिन दुकानदार से लेकर ऑटो चालक और अन्य लोग भी सिक्के नहीं लेते, इस कारण लोगों को परेशानी होती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग सिक्का लेने से मना करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और वह जेल भी जा सकते हैं।

जानिए कहां कर सकते हैं सिक्का नहीं लेने की शिकायत

एलडीएम ने बताया कि अगर आपके बाजार में कोई दुकानदार, यहां तक कि बैंक भी अगर सिक्का लेने से मना कर रहा है या सिक्के के प्रचलन में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही है तो इसे लेकर आप स्थानीय बीडीओ या सीओ को फोन पर भी शिकायत कर सकते हैं। इतना ही नहीं आप चाहे तो इसकी लिखित शिकायत भी दे सकते हैं या उस दुकानदार के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करा सकते हैं।

इसके अलावा आप चाहे तो जिलाधिकारी या एलडीएम को भी फोन कर इसकी सूचना दे सकते हैं। सूचना देने के बाद वैसे लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरबीआई के गाइडलाइन की अनदेखी करना गैरकानूनी है और ऐसा करने वाले सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जानिए क्या है नियम, कितनी हो सकती है सजा

एलडीएम ने बताया कि सिक्के नहीं लेना कानूनन अपराध है. इसमें कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मुद्रा को लेने से इनकार करना भारतीय दंड विधान संहिता, 1980 की धारा 124 ए के तहत दंडनीय अपराध है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान राजद्रोह की श्रेणी का अपराध है.

इसमें धारा 124 ए के तहत 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है और ऐसे आरोपियों पर न्यायालय के द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में अगर आपके यहां भी कोई दुकानदार सिक्का लेने से मन करता हो तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं।

25 पैसे को छोड़कर सभी सिक्कों का प्रचलन मान्य

डीएम राकेश कुमार ने बताया कि आरबीआई के द्वारा निर्गत एक रुपया एवं दो रुपए का सिक्का प्रचलन में है, जिसे कोई भी व्यवसाई लेन-देन करने से इनकार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा निर्गत सिक्का निर्माण अधिनियम-2011 के अनुसार केवल 0.25 रुपए के सिक्के 30 जून 2011 से चलन में नहीं है। शेष सभी सिक्के वैध मुद्रा के चलन में है।

ऐसे में सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं दुकानदारों को एक एवं दो रुपए का सिक्का ग्राहकों से लेना होगा। उन्होंने बताया कि इसको लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से चेंबर ऑफ कॉमर्स, सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, डाकघर, सभी बीडीओ, सीओ, एवं पुलिस पदाधिकारी को भी इसकी जानकारी दी गई है।