नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के बाद… गुजरात में बढ़ा है कोरोना का आंकड़ा…किसी की भी नहीं हुई थी कोरोना जांच…

फटाफट डेस्क –  सरकार ने मंगलवार को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ड्रोनाल्ड ट्रंप फरवरी महीने में 2 दिन की यात्रा पर भारत आए थे, भारत यात्रा के समय विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 का परीक्षण अनिवार्य नहीं था।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि भारत के सभी हवाई अड्डों पर आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड-19 की अनिवार्य जांच चार मार्च से लागू की गई थी। उससे पहले किसी भी तरह का जांच नहीं किया जाता था।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बिनोय बिस्वम ने सरकार से जानना चाहा था कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान उनके स्टाफ और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का कोविड-19 वायरस संबंधी परीक्षण करवाया गया था.

इसके जवाब में मुरलीधरन ने बताया कि, ‘राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा के जो 24-25 फरवरी को हुई थी, विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य कोविड-19 परीक्षण की आवश्यकता नहीं थी। क्योंकि उस समय कोरॉना को महामारी घोषित नहीं किया गया था स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च को कोविड-19 को महामारी घोषित किया था. भारत के 21 हवाई अड्डों पर आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड-19 के लिए अनिवार्य सार्वजनिक जांच की आवश्यकता चार मार्च से कार्यान्वित की गई थी।

उन्होंने आगे कहा, ‘इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान भारत सरकार द्वारा इस तरह की उच्चस्तरीय यात्राओं के संचालन के लिए स्थापित मानकों और प्रोटोकॉल का अनुपालन किया गया था.’

ट्रंप के साथ इस दौरे पर उनकी उनकी पत्नी मेलानिया, पुत्री इवांका, दामाद जैरेड कुशनर सहित उनके प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल थे.इसके बाद गुजरात में कॉरोना की बेशुमार वृद्धि ने इस कार्यक्रम की भारी आलोचना की।कांग्रेस द्वारा यह आरोप लगाया गया कि गुजरात में इसी कार्यक्रम के कारण कोरोना में वृद्धि हुई।

राज्य में कोरोना वायरस का पहला मामला 20 मार्च को सामने आया था, जबकि राज्य में वर्तमान में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 16, 402 है जिसमें पिछले 24 घंटों में 1402 मामले सामने आए हैं.

कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए शुरुआती कदमों पर लोगों का ध्यान तब गया, जब मार्च में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क बैठक में दावा किया था कि भारत ने जनवरी के मध्य से भारत में स्क्रीनिंग करनी शुरू कर दी थी.

प्रधानमंत्री के इस बयान से ऐसा लग रहा था कि भारत सरकार आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग कर रही थी. हालांकि, 18 जनवरी से 22 फरवरी तक केवल ऐसे यात्रियों की जांच की जा रही थी जिन्होंने चीन और हांगकांग से यात्रा की थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 30 जनवरी को घोषणा की थी कि कोरोना वायरस का प्रकोप एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल था. संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा 11 मार्च को प्रकोप को औपचारिक रूप से महामारी घोषित किया गया था।