नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दो साल से कोरोना के कारण सेना भर्ती न होने से उम्र पार कर चुके युवाओं को बड़ी राहत दी है. ऐसा युवा अब अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत सेना में भर्ती हो सकेंगे. दरअसल सरकार ने इस योजना के तहत उम्मीदवारों की आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है.
हालांकि सरकार ने उम्र की यह सीमा केवल इस साल के लिए बढ़ाई है. अभी तक भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक की आयु निर्धारित की थी. गौरतलब है कि पिछले दो साल से सेना में भर्ती नहीं हो रही थी. इसलिए सरकार ने सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे 23 साल तक की आयु वाले युवाओं को अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत यह मौका दिया है.
अग्निपथ स्कीम का विरोध जता रहे हैं युवा
सरकार ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर जैसे ही अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) लॉन्च की, उसके बाद से देशभर के युवाओं में गुस्सा पसर गया है. युवाओं का कहना है कि 4 साल तक नौकरी के बाद उन्हें 25 साल की उम्र में अयोग्य बताकर सेना से निकाल दिया जाएगा. इसके बाद वे कहां जाएंगे. युवा इस बात से नाराज हैं कि सरकार अपने पैसे बचाने के चक्कर में उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. वे पिछले 2 दिनों से लगातार सड़कों पर उतरकर इस स्कीम का विरोध जता रहे हैं.
रक्षा विशेषज्ञ भी जता चुके हैं स्कीम पर चिंता
रक्षा विशेषज्ञों ने भी सरकार की इस स्कीम (Agnipath Scheme) पर चिंता जताई है. विशेषज्ञों का कहना है कि सैनिकों के वेतन-पेंशन के बढ़ते खर्च को कम करने की सरकार की चिंता जायज है लेकिन इसके चक्कर में तीनों सेनाओं की भर्ती और ट्रेनिंग के साथ प्रयोग नहीं किया जा सकता. रिटायर्ड मिलिट्री अफसरों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान जैसे घोषित दुश्मनों से निपटने के लिए टाइम पास सैनिकों की नहीं बल्कि फुल टाइम सैनिकों की जरूरत है. केवल 4 साल के लिए सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों में न तो वह जज्बा पैदा हो पाएगा, जो रेग्युलर सैनिकों में होता है बल्कि वे नियमित सैनिकों की तरह कुशल और अनुशासित योद्धा भी नहीं बन पाएंगे.