मूल भूत सविधाओं को तरस रहे आदिवासी

  • मूल भूत सविधाओं को तरस रहे आदिवासी
  • आदिवासी बाहुल्य दर्जनो गांवो में सुविधाओं का बुरा हाल
  • कोटाडोल क्षेत्र के वनांचल ग्रामों की नही बदली तस्वीर

 

कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट)

भरतपुर सोनहत विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य अंचल कोटाडोल सहित  ग्राम बडगाव कला बडगावं खुर्द मनिहारी रोशनी नेरूवा मैनपुर एवं कई आश्रित ग्राम वर्षो से प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहे है । उल्लेखनीय है की जिला कोरिया अंर्तगत कोटाडोल क्षेत्र भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है। बवजूद इसके यहां के रहवासीयों को विकासकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाया वर्तमान में आलम है गरीब आदिवासी ग्रामीण विगत लम्बे समय से मूलभूत सुविधा सडक, पानी ,चिकित्सा ,शिक्षा के संचालित आधे अधूरे व्यवस्था से कुंठित होकर अपने नियति को कोसने लगे है। हालत है कि आस पास के ग्रामों में पंचायत स्तर से लेकर ग्राम में आंगनबाडी भवन स्कूल शिक्षा व्यवस्था एवं अन्य बेहद उपयोगी चिकित्सा व्यवस्था का लम्बे समय से आभाव बना हुआ है जिससे यह ग्राम प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है ।

स्थानीय नागरीकों का कहना है कि हर चुनाव में यहां जनप्रतिनिधि वायदे तो कर जाते है परन्तु उन्हे निभाने कोई नही आता है। बीते डेढ दशक में जन प्रतिनिधियों की तकदीर तो बदली, लेकिन क्षेत्र की तस्वीर ज्यों की त्यों हैं। यहां की जनता ने अपना प्रतिनिधि तो कई बार चुना, लेकिन विकास को लेकर उनकी  मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है। क्षेत्र के कुछ इलाके ऐसे भी है जो पुर्व में नक्सली संवेदनशीलता के चलते विकसित नहीं हो पाए तो कुछ ग्रामों में विकास महज कोरा सपना बनकर रह गया है।

कैसे मिलता लाभ

कुछ बुद्धी जीवी वर्ग के लोगों का कहना है कि आदिवासी बाहुल्य कोटाडोल क्षेत्र सहित भरतपुर विकासखंड में विकास योजनाओं से जुडे विभाग में कई कर्मचारीयों के पद रिक्त है प्रभारी अधिकारीयों के मत्थे काम चल रहा है । जिससे कई जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हुई है। यहां आदिवासीयों को आवास व रोजगार संबंधी योजनाओं के अलावा पेंशन व वनाधिकार की योजना का लाभ पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मांगो को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन सकारात्मक कार्रवाई आज तक नहीं हो सकी है।

पुलिया सडक जर्जरsonhat

कोटाडोल क्षेत्र के वनांचल आदिवासी ग्रामों तक पहुंच हेतु ग्राम में सडक का सर्वथा अभाव रहा है जो क्षेत्र स्तर पर संचालित विकास की लम्बी गाथा को स्वमेव बयान करता नजर आ रहा है। हलांकि दूर दराज के विभिन्न ग्रामों में सडक पुल पुलिया से लेकर स्टापडैम आदि व्यापक तौेर पर बनाऐ गये है। परन्तु गरीब आदिवासी परिवारों को पहुंच हेतु सुलभ मार्ग नसीब नही हो पाने का ग्रामजनों ने खेद जताया है। हालत है कि क्षेत्र स्तर पर पूर्व में कोठान नदी का रपटा टूटे हुए कई वर्ष बीत चुके है  जिसके कारण नदी में ज्यादा पानी होने पर परेशानी होती है इसके अलावा रूसनी मनहारि बड़गांवकला क्षेत्र में भी पुल पुलिया  निर्माण की मांग लंबे समय से उठ रही है इन समस्याओं के बावजूद यहां पर पुल निर्माण करने किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम नही उठाया गया है ।

व्यवस्था सुधार की मांग

वनांचल ग्राम के आदिवासी परिवारों ने क्षेत्र स्तर में लगातार हो रहे विकास के अनुक्रम में वनांचल ग्राम को शामिल कर ग्राम की मूलभूत सुविधा  आदिवासी परिवारों को प्रदान करने का आग्रह किया है। ग्रामजनों ने क्षेत्र में सडक निर्माण सहित जरूरत मंद स्थानों में पुल पुलिया एवं वर्तमान मौसमी बदलाव के कारण ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा बहाल कराने समय समय पर उचित शिविर लगाने का आग्रह किया है ताकि ग्रामजनों को सुविधा का लाभ मिल सके।

इनका कहना है-

गुलाब कमरो उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी कोरिया विकास का दम भरने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जिले एवं भरतपुर सोनहत विधान सभा के साथ छलावा किया गया है। सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी सोनहत एवं भरतपुर विकासखंड के कई ग्राम मूल भूत सुविधाओं से वंचित है जो की सरकार की बड़ी विफलता है।

राजेन्द्र चंदेल संयोजक एकता परिषद जनकपुर छत्तीसगढ सरकार ने भरतपुर विकासखंड को छला है बजट पे बजट बीत गए लेकिन भरतपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को कुछ नही मिला है अब तो क्षेत्र की ग्रामीण वनांचल क्षेत्रों की जनता भी मायूस होने लगी है।