शहर में ट्रैफिक की समस्या से लोग परेसान..पार्किंग की कमी बनी मुसीबत..!

बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भीड़ से लगता है जाम..

अम्बिकापुर देश दीपक”सचिन”

बदलते समय और बढती आबादी के साथ बढते वाहनो की संख्या शहर मे नाकाफी पार्किंग व्यवस्था पर हावी हो सकती है।  निगम द्वारा लगातार शापिंग काम्पलेक्स और दुकान बनाने की अनुमति दी जा रही है लेकिन पास हुए भवन के नक्सो  मे पार्किंग के लिए कोई स्थान है या नही ये देखना इसलिए जरूरी है क्योकि शहर मे बने कई शापिंग काम्पलेक्स मे पार्किंग नही होने से ही शहर मे जाम की स्थिती बनी रहती है । 

बाजार में स्वाभाविक भीड़ के बाद शहर के सभी मुख्य मार्गो व गलियों में जाम लगना आम बात हो चुकी है। शहर में जाम में फसे परेसान लोग अक्सर यातायात कर्मियों की बाट जोहते नजर आते है की शायद कोई इस जाम को खुलवा दे और लोग अपने गंतव्य तक पहुच सके। लेकिन यातायात विभाग का कोई भी सिपाही यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करता नजर नही आता है। नतीजन शहर के मुख्य महामाया चौक से देव होटल तक जबरजस्त जाम लोगो की आफत बना रहता है। मुख मार्ग में जाम की सूरत में लोगो ने छोटी छोटी गलियों से निकलने का प्रयास करते है लेकिन तंग हाल गलियों में भी ट्रैफिक बढ़ने के बाद जाम की स्थिति बन जाती है । 
दरअसल शहर के इन मार्गो में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए वन वे ट्रैफिक का नियम बनाया गया है लेकिन चौराहों में कोई भी यातायात कर्मी ना होने की वजह से या फिर इनकी लापरवाहियो के कारण नियम से अनजान लोगों ने अपने वाहन नो एंट्री में प्रवेश करा देते है नतीजन आमने सामने वाहन आने के बाद जाम की स्थिति बन जाती है। और यह जाम ऐसा लगाता है की शहर की सभी गलियों से भी लोगो का आना जाना दूभर हो जाता है।  यातायात कर्मियों की लापरवाही का फलसपा यूँ है की या तो चौराहे से नदारद रहते है और या तो कही आराम से बैठ कर मोबाइल का हेडफोन कान में लगा कर गाना सुनते है।  लिहाजा ऐसे में इन यातायात कर्मियों से व्यवस्था बनाने की उम्मीद करना बेमानी साबित हो रहा है। 

गौरतलब है की अम्बिकापुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने का मुख्य कारण बड़े व्यवसाईक संस्थान है। जिनके दुकानो में ग्राहकों की संख्या तो बहोत अधिक है लेकिन ग्राहकों के वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लिहाजा सडक किनारे और सड़क के आधे हिस्से वाहन खडा होने से इन मार्गो में हमेशा जाम की स्थिति निर्मित होती है। दरअसल शहर के देवीगंज रोड में शहर और संभाग के ग्रामीण ग्राहकों की संख्या बहोत अधिक होती है। लेकिन यहाँ पर दूकान संचालक के द्वारा वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। हालाकी शहर में कई जगह पार्किंग स्थल बनाए गए थे लेकिन इन पार्किंग स्थलों का उपयोग ना लोग कर रहे है और ना ही पार्किंग के उपयोग के लिए यातायात विभाग ने ही कभी ध्यान दिया। लिहाजा शहर ट्रैफिक की समस्सया से जूझ रहा है। वही बाजार में ट्रैफिक से परेसान आम लोगो का कहना है की पार्किंग नहीं है तो वाहन सड़क के किनारे ही खडा करना पड़ता है। दूसरी और इन लोगो का कहना है की मोटरसाइकल से अगर बाजार में 10 रुपये का सामान लेने जाना है तो उसके लिए एक चौराहे से दूसरे चौराहे वाहन पार्क करने भी कोई नहीं जाएगा।  दूसरी और दुकानों के सामने जो थोड़ी बहोत जगह बचती है वहा पर खुद दुकानदार व उनके कर्मचारियों के वाहन खड़े रहते है जिस कारण ग्राहकों के वाहन खडा करने की कोई जगह नहीं बचती है लिहाजा ट्रैफिक समस्सया सभी के गले की फांस बनी हुई है। बहरहाल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर निगम, यातायात विभाग,जिला प्रशासन व व्यापारियों के साथ समन्वय की जरूरत है। 

भारद्वाज सिंह…यातायात प्रभारी अम्बिकापुर

शहर की इस समस्सया पर यातायात प्रभारी ने कहा की हमारे लोग अपना काम बड़ी ही तन्मयता से करते है।  शहर में जाम की स्थिति जगह की कमी से बनती है, यातायात विभाग समय समय पर वाहन चेकिंग भी करता है और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने का पूरा अप्रयास करता है। वही यातायात कर्मियों के द्वारा चौराहे से नदारद रहना और चौक में बैठ कर मोबाईल में गाने सुनने के सवाल पर यातायात प्रभारी ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा की ऐसा हो ही नहीं सकता।  जबकी यातायात विभाग के कर्मचारियों की यह चूक कैमरे में कैद हो चुकी है। लेकिन प्रभारी इसे स्वीकारने को तय्यार ही नहीं है। 

द्वितेंद्र मिश्रा…अध्यक्ष लोक निर्माण विभाग नगर निगम अंबिकापुर

इस समस्सया के लिए नगर निगम के निर्माण विभाग के अध्यक्ष ने कहा है की व्यावसायिक भवनों के निर्माण की अनुमति के लिए पहले से ही प्रावधान है की ऐसे भवन के निर्माण के लिए सड़क से 6 मीटर जगह छोड़ कर भवन का निर्माण किया जाना है जिससे वाहन पार्किंग की में असुविधा ना हो सके। वही बड़ी व्यवसाईक भवनों के निर्माण पर भवन के साइज आधार पर पार्किंग स्थल छोड़ने का नियम है। शहर की बदहाल सड़क व्यवस्था पर इन्होने कहा की यह वर्षो पुरानी समस्सया है और इससे अकेले ना तो यातायात विभाग निपट सकता है और ना ही नगर निगम शहर में जाम की समस्सया से निपटने के लिए जिला प्रशासन को पहल करना होगा और व्यापारियों के साथ सभी के समन्वय के बाद ही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त की जा सकती है। श्री मिश्रा ने यह भी बताया की शहर के दो मुख्य मार्ग जिनमे अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है देवीगंज रोड और शदर रोड आज तक निगम के अधिपत्य क्षेत्र से बाहर है ये दोनों सडके एन एच के कार्यक्षेत्र में आती है लिहाजा नगर निगम को कोई भी कार्यवाही करने में लम्बी कागजी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। श्री मिश्रा ने बताया की ट्रैफिक की समस्सया से निपटने के लिए निगम द्वारा प्रयास किये गए है लेकिन इस मामले में भी राजनीति होने के कारण कुछ हो नहीं पाता है।